दिल्ली हिंसा: JNU छात्र उमर खालिद ने तैयार की थी साम्प्रदायिक हिंसा की पटकथा, विश्व स्तर पर भारत की छवि खराब करने की साजिश

उमर खालिद (Umar Khalid) ने लोगों से अपील की थी कि वे ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरें और रास्ते जाम करें, जिससे कि भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा सके।

Umar Khalid

Umar Khalid organised woman protesters, paid for their food, travel II फाइल फोटो।

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र में कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद (Umar Khalid) ने इस साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान दिल्ली दंगों (Delhi riots) को हवा देने की प्लानिंग की थी, जिससे कि भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का विश्व स्तर पर प्रचार हो सके।

झारखंड: राज्य पुलिस और CRPF के संयुक्त ऑपरेशन में एक खूंखार नक्सली गिरफ्तार

फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्व दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा (Delhi riots) के पीछे कथित तौर पर बड़ी साजिश होने के मामले में उमर खालिद (Umar Khalid) और जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली की एक कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया।

आरोप-पत्र के अनुसार उमर खालिद (Umar Khalid) एक साजिश के तहत 23 फरवरी को दिल्ली से पटना गया और 27 फरवरी को वहां से वापस लौटा। खालिद ने अन्य आरोपी लोगों के साथ चांद बाग इलाके में बैठक भी की थी। अपनी प्राथमिकी में पुलिस ने दावा किया कि साम्प्रदायिक हिंसा  (Delhi riots) एक ‘‘सोची समझी साजिश’’ थी, जिसे खालिद और दो अन्य लोगों ने अंजाम दिया।

दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि उमर खालिद (Umar Khalid) ने कथित तौर पर दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिए और लोगों से अपील की थी कि वे डोनल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरें और रास्ते जाम करें, जिससे कि भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा सके।

दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि इस साजिश में, कई घरों में हथियार, पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें और पत्थर एकत्र किए गए थे। साथ ही सह-आरोपी मोहम्मद दानिश को दंगों में शामिल करने के लिए दो अलग-अलग स्थानों पर लोगों को इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून (CAA) में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 लोग घायल हो गए थे।

सूत्रों के अनुसार उमर खालिद (Umar Khalid), इमाम और एक अन्य आरोपी फैजान खान के खिलाफ कठोर गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया। उनपर, दंगे, गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने, आपराधिक साजिश, हत्या, धर्म, भाषा, जाति इत्यादि के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने और भारतीय दंड संहिता (IPC) की अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।

इन अपराधों के तहत अधिकतम मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है। 930 पन्नों का यह पूरक आरोप-पत्र यूएपीए की धारा 13 (गैर-कानूनी गतिविधियां), 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिविधि के लिये धन जुटाना) और 18 (षडयंत्र) के तहत दायर किया गया है। उमर खालिद (Umar Khalid) और इमाम फिलहाल इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, वहीं फैजान खान को दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है।

मुख्य आरोप पत्र सितंबर में पिंजरा तोड़ की सदस्यों तथा जेएनयू की छात्राओं देवांगना कालिता और नताशा नरवाल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा और छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा के खिलाफ दायर किया गया था।

अन्य आरोपी जिनका आरोप पत्र में नाम है, उनमें कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, मीरान हैदर और शिफाउर्रहमान, आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन, कार्यकर्ता खालिद सैफी, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान शामिल हैं।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें