ट्रैक्टर परेड के नाम पर दिल्ली में किसानों ने किया उग्रवादियों जैसा व्यवहार, 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल और 2 की हालत गंभीर

आइटीओ पर गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर से आए किसानों के एक बड़े ग्रुप ने लुटियन जोन की तरफ जाने का प्रयास किया। इस दौरान जब पुलिस (Delhi Police) ने उन्हें रोका तो किसानों हिंसक हो गये और बैरिकेडिंग तोड़ कर वहां मौजूद पुलिसवालोंं को कुचलने की कोशिश की।

Delhi Police

Farmers Protest in Delhi during Republic Day 2021

केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों द्वारा निर्धारित मार्ग पर न जाने के कारण किसानों और पुलिस (Delhi Police) के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान सैकड़ों की तादात में किसान ट्रैक्टरों के साथ ही लालकिले के परिसर में दाखिल हो गये और ऐतिहासिक इमारतों के चारों तरफ तिरंगे के बजाय एक जाति विशेष के झंडे लगा दिये।

किसानों के इस उपद्रव को रोकने की कोशिश में दिल्ली पुलिस के सैकड़ों जवान घायल हो गये हैं जिनमें से 2 की हालत गंभीर है और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

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 ट्रैक्टर परेड के नाम पर हुई इस हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग थानों में अभी तक 15 से अधिक एफआईआर दर्ज किया है। जिसमें बलवा समेत तोड़फोड़ और पुलिस की पिस्टल लूट जैसे अपराध शामिल हैं। इस एफआईआर के तहत दिल्ली पुलिस (Delhi Police) अब दोषियों के खिलाफ अपनी जांच शुरू कर दी है। 

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाल रहे किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी को जंग का मैदान बना दिया। किसान तय मार्गों पर जाने के बजाय लालकिले की तरफ जाने के लिए अमादा थे और अपने रास्ते में आये पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की, बसों और गाड़ियों में तोड़फोड़ की और लाल किले पर जाति विशेष का झंडा लगाया। इस दौरान लाल किले की सुरक्षा में तैनात पुलिसवालों पर हिंसक प्रहार भी किया, जिसके कारण इन पुलिसवालों को ऊंची-ऊंची दिवारों से कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी।

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के अधिकारियों के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया था। इस ट्रैक्टर परेड को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ किसान संगठनों की कई दौर की बैठकें भी हुई थीं। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने किसानों को प्रदर्शन के लिए दिल्ली में एक मार्ग प्रस्तावित किया गया था जिसपर संगठनों ने अपनी सहमति दी थी। बावजूद इसके मंगलवार को सुबह करीब 8:30 बजे 6 हजार से 7 हजार ट्रैक्टर सिंघु बॉर्डर पर एकत्र हुए और पहले से निर्धारित रास्तों पर जाने के बजाय उन्होंने सेंट्रल दिल्ली की ओर जाने के लिए कानून हाथ में लिया।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, बार-बार अनुरोध के बावजूद किसानों ने पुलिस पर हमला किया और बैरिकेड्स को तोड़ दिया। गाजीपुर और टीकरी सीमा से भी इसी तरह की घटनाओं की खबरें हैं। वहीं आइटीओ पर गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर से आए किसानों के एक बड़े ग्रुप ने लुटियन जोन की तरफ जाने का प्रयास किया। इस दौरान जब पुलिस (Delhi Police) ने उन्हें रोका तो किसानों हिंसक हो गये और बैरिकेडिंग तोड़ कर वहां मौजूद पुलिसवालोंं को कुचलने की कोशिश की।

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