दिल्ली पुलिस ने पेश की इंसानियत की मिसाल, गर्भवती युवती को खून देकर बचाई जान

दिल्ली (Delhi) की फतेहपुर बेरी थाना पुलिस (Police) ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। पुलिस ने पहले तो दुष्कर्म पीड़िता गर्भवती युवती को एम्स में भर्ती कराया और जब उसे रक्त की जरूरत पड़ी तो पुलिस वालों ने ही रक्तदान भी किया।

Police

सांकेतिक तस्वीर।

पीड़ित युवती ने बच्ची को जन्म दिया है। वहीं, आरोपी प्रफुल्ल सोरेन को भी पुलिस (Police) ने झारखंड (Jharkhand) से गिरफ्तार कर लिया गया है।

दिल्ली (Delhi) की फतेहपुर बेरी थाना पुलिस (Police) ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। पुलिस ने पहले तो दुष्कर्म पीड़िता गर्भवती युवती को एम्स में भर्ती कराया और जब उसे रक्त की जरूरत पड़ी तो पुलिस वालों ने ही रक्तदान भी किया। रक्त की कमी होने से युवती की जान पर बन आई थी। इसके अलावा महिला एसआई नीतेश ने अस्पताल में युवती की देखभाल का जिम्मा संभाला।

एक महिला पुलिसकर्मी 24 घंटे अस्पताल में तैनात की गई। पीड़ित युवती ने बच्ची को जन्म दिया है। वहीं, आरोपी प्रफुल्ल सोरेन को भी झारखंड (Jharkhand) से गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी पहले भी एक युवती के साथ दुष्कर्म कर चुका है।

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दक्षिण जिला डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर के मुताबिक, 20 साल की गर्भवती युवती ने एक सितंबर को फतेहपुर बेरी थाने में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई। झारखंड की रहने वाली पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था कि आरोपी उसे शादी करने और नौकरी दिलाने का झांसा देकर झारखंड से दिल्ली लेकर आया था। वह शादी का झांसा देकर उससे आठ महीने तक दुष्कर्म करता रहा।

युवती को गर्भवती हुए जब नौ महीने हो गए तो वह उसे छोड़कर झारखंड भाग गया। युवती यहां किराए के मकान में अकेली रह रही थी। ऐसी हालत में युवती की तबीयत खराब हो गई। ऐसे में उसका साथ महिला एसआई नीतेश ने दिया। वह युवती को अपनी कार से एम्स ले गईं और वहां भर्ती कराया।

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डाक्टरों ने ब्लड का इंतजाम करने को कहा तो एसआई नीतेश के कहने पर थाने में तैनात सिपाही योगेश, राहुल और संदीप ने रक्तदान किया। युवती ने 19 सितंबर को एक बच्ची को जन्म दिया। अब युवती और बच्ची पूरी तरह ठीक हैं। पीड़िता ने पुलिस (Police) को इस मदद के शुक्रिया कहा है।

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डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने भी एसआई नीतेश की तारीफ की है। एसआई नीतेश का कहना है कि युवती बहुत ही दयनीय हालत में थाने आई थी। युवती अकेली थी और उसके पास पैसे नहीं थे। युवती की हालत देखकर वह बेचैन हो उठीं। उन्होंने युवती की सहायता करने को एक मिशन बना लिया था।

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