दिल्ली: पुलिस गिरफ्त में आये दोनों आतंकी मसूद अजहर से प्रभावित, यूपी के देवबंद से आतंक की ट्रेनिंग लेकर राजधानी में हमले की थी योजना

पुलिस गिरफ्त में आये ये दोनों आतंकी (Terrorist) देवबंद और सहारनपुर भी जा चुके हैं‚ जबकि जैश–ए–मोहम्मद संगठन का कर्ता–धर्ता मौलाना मसूद अजहर इनका रोल मॉडल था।

Terrorist

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दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए जैश–ए–मोहम्मद के दो कथित कश्मीरी आतंकी (Terrorist) 22 वर्षीय अब्दुल लतीफ मीर और 20 वर्षीय मोहम्मद अशरफ खटाना कुख्यात मोस्ट वांटेड जैश–ए–मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर से बेहद प्रभावित हैं। इनकी योजना पाकिस्तान में जाकर ट्रेनिंग लेने की थी। इसके लिए दोनों कई बार बार्डर क्रॉस कर पाकिस्तान जाने का प्रयास भी कर चुके थे‚ लेकिन एलओसी पर सख्ती के कारण सीमा पार जाकर प्रशिक्षण नहीं प्राप्त कर पाए थे।

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दिल्ली पुलिस का कहना है कि दोनों के मोबाइल में कई आतंकियों की ऑडियो वीडियो मिला है‚ जबकि छानबीन में पता चला है कि दोनों आतंकी राजधानी में कई जगह पर हमले की साजिश रच रहे थे। इनके निशाने पर कई हिंदू नेता और कुछ अन्य वीवीआईपी थे। छानबीन में पता चला है कि दोनों आतंकी (Terrorist) देश विरोधी संगठन एक वाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे। इनमें एक पाकिस्तानी भी जुड़ा हुआ है‚ जो उन्हें तमाम तरह के निर्देश देता था। इस ग्रुप में भी कई आतंकियों के वीडियो मिले हैं। पुलिस अब इनके मोबाइल नंबर की जांच कर रही है।

दोनों आतंकी (Terrorist) का देवबंद और सहारनपुर कनेक्शन

पुलिस गिरफ्त में आये ये दोनों आतंकी (Terrorist) देवबंद और सहारनपुर भी जा चुके हैं‚ जबकि जैश–ए–मोहम्मद संगठन का कर्ता–धर्ता मौलाना मसूद अजहर इनका रोल मॉडल था। पुलिस का कहना है कि दोनों आतंकियों के देवबंद कनेक्शन को खंगाला जा रहा है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि दोनों किस तरह से सोशल मीडिया के माध्यम से आंतकी गुट में शामिल हुए थे। शुरुआती जांच में पता चला है कि अब्दुल लतीफ मीर का सोशल मीडिया अकाउंट है‚ जिसमें उन्होंने मौलाना मसूद अजहर की तस्वीरें लगा रखी हैं। वह सोशल मीडिया पर मौलाना मसूद अजहर को बेहद ध्यान से सुनता था और उनका इरादा जम्मू–कश्मीर को आजाद कराने और इस्लाम धर्म का प्रचार–प्रसार विश्वभर में करने का था।

इसके अलावा दोनों आतंकी (Terrorist) अरशद मदनी‚ मौलाना मुफ्ती फैजुल वाहिद सहाब और नाजिर अहमद‚ साहा काश्मी द्वारा दिए जाने वाले तकरीर को सुनते थे और उनका प्रचार प्रसार करते थे। गिरफ्त में आने से पहले ये दोनों आंतकी लाहौर निवासी आफताब मलिक के संपर्क में थे। जो इन दोनों को भारत से अवैध तौर से बॉर्डर क्रॉस कराकर प्रशिक्षण दिलाने वाला था।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक दोनों आतंकी (Terrorist) की योजना कुछ दिन निजामुद्दीन में रुकने के बाद उत्तर प्रदेश के देवबंद जाकर ट्रेनिंग लेने की थी। डीसीपी स्पेशल सेल के अनुसार, दोनों आतंकियों के कब्जे से दो स्मार्टफोन‚ आधार कार्ड‚ दो बैग‚ अशरफ खटाना का एक आइडी कार्ड, मदरसा इस्लामिया अरबिया‚ दारुल उलूम सोपोर के नाम से‚ जम्मू–कश्मीर स्थित बैंक का डेबिट कार्ड‚ अब्दुल लतीफ मीर का मतदाता पहचान पत्र‚ जम्मू कश्मीर ग्रामीण बैंक का डेबिट कार्ड‚ दो सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल व 10 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।

इनमें अब्दुल लतीफ के पिता सोपोर के जिला कोर्ट में कोर्ट मुंशी है‚ जबकि वह पांचवीं तक पढाई करने के बाद अब्दुल‚ दारुल उलूम बिलालिया‚ शक मदरसा‚ खेरमबार‚ श्रीनगर व जम्मू–कश्मीर में रहा है‚ वहीं मोहम्मद अशरफ खटाना भी सातवीं तक पढाई करने के बाद दारुल उलूम दारू शुफा मकरसा‚ श्रीनगर में घूमता रहा। दोनों आतंकी (Terrorist) के मोबाइल में आतंकी आकाओं के कई ऑडियो‚ वीडियो व आपत्तिजनक साहित्य मिले हैं।

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