जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा हमले के बाद रची थी दिल्ली को दहलाने की साजिश

पुलवामा में सीआरपीएफ (CRPF) काफिले पर हमले की साजिश को अंजाम देने के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने सिलसिलेवार बम धमाकों और आत्मघाती हमलों से दिल्ली को दहलाने की साजिश की थी।

NIA

जैश-ए-मोहम्मद ने सिलसिलेवार बम धमाकों और आत्मघाती हमलों से दिल्ली को दहलाने की साजिश की थी।

पुलवामा में सीआरपीएफ (CRPF) काफिले पर हमले की साजिश को अंजाम देने के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने सिलसिलेवार बम धमाकों और आत्मघाती हमलों से दिल्ली को दहलाने की साजिश की थी। इस साजिश को अंजाम देने से पहले ही जैश का आतंकी सज्जाद अहमद खान दिल्ली में पकड़ा गया। इस बात का खुलासा खुद सज्जाद और उसके साथ पकड़े गए उसके अन्य तीन साथियों ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पूछताछ में किया है।

NIA
फाइल फोटो।

ये आतंकी आपस में और सरहद पार बैठे अपने आकाओं के साथ संपर्क के लिए वर्चुअल मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते थे। यह खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की ओर से आतंकियों के खिलाफ विशेष अदालत में दायर आरोपपत्र में हुआ है। एनआइए (NIA) इस मामले में पहले ही आरोपपत्र दायर कर चुकी है। फिलहाल, चारों आतंकी एनआइए (NIA) की हिरासत में हैं। इसी साल 14 फरवरी को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर दक्षिण कश्मीर के लित्तर पुलवामा में जैश के एक आत्मघाती आतंकी आदिल डार ने विस्फोटकों से लदी कार से सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ (CRPF) जवान शहीद हो गए थे।

इस हमले की जांच करते हुए पुलिस ने 21 मार्च को दिल्ली में सज्जाद अहमद खान को पकड़ा था। सज्जाद खान से हुई विस्तृत पूछताछ के आधार पर पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा के रहने वाले जैश के दो और आतंकियों तनवीर अहमद गनई और बिलाल अहमद मीर को पकड़ा था। इसके बाद एनआइए (NIA) ने 30 जुलाई को त्राल के रहने वाले मुजफ्फर अहमद बट को हिरासत में लिया था। पकड़े जाने के समय मुजफ्फर कोट भलवाल जेल में पीएसए के तहत सजा काट रहा था। पूछताछ में सज्जाद खान ने एनआइए (NIA) को बताया था कि वह पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड मुदस्सर के साथ लगातार संपर्क में था।

पढ़ें: कश्मीर में दुकानें जलाने की कोशिश, लोगों ने साजिश को किया नाकाम

वह पूरी साजिश को अच्छी तरह से जानता था। उसकी आदिल से भी बातचीत हुई थी। वह वाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिए जैश के विभिन्न आतंकियों के साथ लगातार संपर्क में था। मुदस्सर के कहने पर ही सज्जाद ने बिलाल और तनीवर को भर्ती किया था। मुदस्सर के कहने पर ही सज्जाद एक शाल विक्रेता के रूप में दिल्ली पहुंचा था, ताकि वह वहां जैश का एक माड्यूल तैयार कर हमलों की साजिश को अंजाम दे सके। मुदस्सर खान 11 मार्च को अपने एक अन्य साथी संग सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया था। एनआइए (NIA) ने सज्जाद, तनवीर, बिलाल और मुजफ्फर के खिलाफ दायर आरोपपत्र में दावा किया है कि सज्जाद खान को मुदस्सर ने दिल्ली दहलाने की जैश की साजिश को अंजाम देने की तैयारी का जिम्मा सौंपा था।

सज्जाद ने दिल्ली में साउथ ब्लॉक, सेंट्रल सेक्रिटेरिएट, सिविल लाइंस, बीके दत्त कालोनी, कश्मीरी गेट, लोधी इस्टेट, मंडी हाउस, दरियागंज और गाजियाबाद में एक केंद्रीय बल के प्रतिष्ठान की रेकी भी कर ली थी। एनआइए (NIA) ने अपने आरोपपत्र में बताया है कि सज्जाद अहमद और अन्य आतंकी पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलरों के साथ वर्चुअल मोबाइल नंबर के जरिए संपर्क करते थे। एनआइए (NIA) के मुताबिक, उसने मुदस्सर को पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आदिल की तस्वीर और वीडियो भेजकर कहा था कि अगर कभी दोबारा इस तरह के हमले को अंजाम दिया जाना होगा तो वह आदिल की तरह आत्मघाती बनना चाहेगा। उसने यह संदेश पुलवामा हमले के एक दिन बाद 15 फरवरी को सुबह 10:24 मिनट पर भेजा था।

पढ़ें: गांधी के आदर्शों ने डॉ राजेंद्र प्रसाद को देश की आजादी का सिपाही बना दिया

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें