आत्मनिर्भर भारत की तरफ एक और कदम- बेंगलुरू में खुला HAL का नया प्लांट, स्वदेशी LCA Tejas के निर्माण को दोगुना करने का प्रयास

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आगे बताया कि अनेक देशों ने तेजस लड़ाकू विमान को खरीदने में अपनी रुचि दिखाई है।भारत कुछ साल में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य को हासिल करेगा।

Rajnath Singh

Rajnath Singh

बेंगलुरू में भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बेंगलुरू में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के दूसरे एलसीए–तेजस उत्पादन केंद्र का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत अपनी रक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता। स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान कई मानकों पर अपने विदेशी समकक्षों से बेहतर है बल्कि उनसे सस्ता भी है।

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राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बताया, कि ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत अपनी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में तत्पर है। साथ ही भारत अपनी रक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता। ऐसे में हल्का लड़ाकू विमान तेजस (LCA Tejas) न केवल स्वदेशी है बल्कि अनेक मानकों पर अपने विदेशी समकक्षों से बेहतर भी है और अपेक्षाकृत सस्ता है।

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आगे बताया कि अनेक देशों ने तेजस लड़ाकू विमान को खरीदने में अपनी रुचि दिखाई है।भारत कुछ साल में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य को हासिल करेगा।

गौरतलब है कि एचएएल (HAL) के चेयरमैन आर माधवन ने हाल ही में कहा था कि 48,000 करोड़ रुपए के सौदे के तहत तेजस एलसीए (LCA Tejas) की भारतीय वायु सेना को आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू होगी और 83 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति पूरी होने तक हर साल करीब 16 विमानों को शामिल किया जाएगा। अनेक देशों ने भी तेजस खरीदने में रुचि दिखाई है और निर्यात के लिए पहला ऑर्डर अगले कुछ साल में आ सकता है। जिसमें अमेरिका जैसा शक्तिशाली देश भी शामिल है। 

रक्षामंत्री (Rajnath Singh) ने बताया कि एचएएल का नया एलसीए (LCA Tejas) संयंत्र इस बात का उदाहरण है कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ किस तरह आकार ले रहा है। एचएएल में बहुत प्रतिभाएं हैं और भविष्य में उसे और ऑर्डर मिलने चाहिए। क्योंकि सुरक्षा के मामले में हम दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकते और इसलिए हम एचएएल को और मजबूत बनाएंगे। एलसीए भारत का गौरव है और दूसरे देशों को यह स्पष्ट संदेश भेजता है कि भारत स्वदेश में ही उत्कृष्ट श्रेणी के लड़ाकू विमान बना सकता है और एचएएल 83 एलसीए (LCA Tejas) के सबसे बड़े स्वदेशी ऑर्डर का हकदार है।

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