आज ही के दिन हुई थी LTTE के चीफ प्रभाकरन की मौत, इस संगठन ने की थी राजीव गांधी की हत्या

आज ही के दिन यानी 18 मई को साल 1991 में भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Prime Minister Rajeev Gandhi) की हत्या करने वाले श्रीलंका के आतंकी संगठन LTTE के चीफ प्रभाकरन की 2009 में मौत हुई थी।

LTTE

LTTE (File Photo)

भारत से बदला लेने के लिए श्रीलंका (Sri Lanka) के आतंकी संगठन LTTE ने भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Prime Minister Rajeev Gandhi) की हत्या कर दी।

आज ही के दिन यानी 18 मई को साल 1991 में भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Prime Minister Rajeev Gandhi) की हत्या करने वाले श्रीलंका (Sri Lanka) के आतंकी संगठन LTTE के चीफ प्रभाकरन की 2009 में मौत हुई थी। उसकी मौत के साथ ही श्रीलंका सरकार ने LTTE के खात्मे की घोषणा की थी। इसके साथ ही 3 दशक तक श्रीलंका में आतंक की वजह रहे LTTE का खात्मा हो गया।

1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री देशभर में चुनावी रैलियां कर रहे थे। इसी सिलसिले में वे तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में थे। यहां उनकी रैली चल रही थी। एक महिला उन्हें हार पहनाने के लिए आगे बढ़ी। सुरक्षाकर्मियों ने महिला को रोका लेकिन राजीव के इजाजत के बाद वो महिला आगे बढ़ी।

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वह महिला उन्हें हार पहनाकर उनके पांव छूने के लिए झुकी और इसी के साथ एक जोरदार धमाका हुआ। धमाके में प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी श्रीलंका के आतंकी संगठन LTTE ने ली।

बता दें कि श्रीलंका का यह अलगाववादी संगठन तमिलों के लिए अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए बनाया गया था। इस संगठन का नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरन था। साल 1976 में इस संगठन ने विलिकाडे में नरसंहार को अंजाम दिया था। इस संगठन ने कई बार श्रीलंकाई नेताओं को भी अपना निशाना बनाया।

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80 के दशक के बाद संगठन को अन्य देशों से भी सहयोग मिलने लगा और इसकी ताकत बढ़ने लगी। साल 1985 में श्रीलंका सरकार और तमिल विद्रोहियों के बीच शांति वार्ता की पहली कोशिश की गई जो नाकाम रही। इसके बाद श्रीलंका में गृहयुद्ध जैसे हालात हो गए। 1987 में LTTE लड़ाकों से मुकाबला करने के लिए भारत ने भी अपनी सेना भेजी।

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भारत के इस कदम से LTTE भारत के विरूद्ध हो गया और उसने बदला लेने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद भारत ने गैरकानूनी गतिविधियां संबंधी अधिनियम के तहत लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) पर 14 मई, 1992 को प्रतिबंध लगा दिया था।

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