
रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की मेरठ स्थित एकेडमी ने 27 फरवरी को जिम्बाब्वे के ऑफिसर्स के लिए क्राउड कंट्रोल ट्रेनिंग का कोर्स शुरू किया है।
सीआरपीएफ (CRPF) के विशेष बल रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की मेरठ स्थित एकेडमी ने 27 फरवरी को जिम्बाब्वे के ऑफिसर्स के लिए क्राउड कंट्रोल ट्रेनिंग का कोर्स शुरू किया है। जिम्बाब्बे पुलिस के 15 अधिकारियों के समूह की 14 दिवसीय ट्रेनिंग रैपिड एक्शन फोर्स-108 बटालियन के एकेडमी में शुरू हुई। यह कोर्स विदेश मंत्रालय के तहत इंडियन टेक्नीकल एंड इकोनॉमिकल को-ऑपरेशन कार्यक्रम के तत्वावधान में संचालित किया जा रहा है।

डीआईजी संजीव ढुंढिया ने किया उद्घाटन: प्रशिक्षण का शुभारंभ आरएएफ (RAF) एकेडमी के प्रिंसिपल डीआईजी संजीव ढुंढिया ने किया। बता दें कि डीआईजी संजीव ढुंढिया को अफ्रीका और यूरोप में विभिन्न संयुक्त राष्ट्र मिशनों में काम करने का काफी अनुभव रहा है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्होंने अपने करियर के दौरान अफ्रीका में रहते हुए अफ्रीकी अधिकारियों के साथ काम करने के कुछ यादगार अनुभवों को भी प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ साझा किया।
क्या कहा डीआईजी संजीव ढुंढिया ने: इस मौके पर डीआईजी संजीव ढुंढिया ने कहा कि यह देश का दंगा नियंत्रण प्रशिक्षण संस्थान है। इससे पहले यहां पर म्यांमार और जम्मू-कश्मीर पुलिस को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। तीसरे चरण में जिम्बाब्बे पुलिस का प्रशिक्षण शुरू हुआ है। डीआईजी ने कहा कि इस संस्थान में सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्यों की पुलिस के लिए टीओटी ऑन मॉब डिसपर्सल कोर्स चलाया जा रहा है। विदेशी पुलिस को भी भीड़ नियंत्रण की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण भारत और जिम्बाब्बे के बीच द्विपक्षीय सहयोग कार्यक्रम के तहत हो रहा है।
Going global: @RAFCRPF academy Meerut commenced a two week course on Crowd Control for officers from Zimbabwe. The course will focus on best practices of mob dispersal and crowd control with non lethal weapons that the RAF #CRPF has developed and assimilated over the years. pic.twitter.com/t0IQoRQjrH
— ??CRPF?? (@crpfindia) February 28, 2020
दिया जाएगा आधुनिक तकनीकि का प्रशिक्षण: आरएएफ (RAF) एकेडमी के इस कोर्स के दौरान प्रशिक्षु आधिकारियों को भीड़ नियंत्रण और प्रबंधन के बेहतरीन तरीके सिखाए जाएंगे। साथ ही नॉन-लीथल हथियारों का प्रयोग कर कम से कम नुकसान में भीड़, प्रदर्शनकारियों और दंगाइयों को नियंत्रित करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके अलावा इस कोर्स के दौरान आधुनिक तकनीकियों की भी ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे कानून-व्यवस्था नियंत्रण करने के लिए बल की क्षमता और बढ़ेगी। इस कोर्स में प्रशिक्षु आधिकारियों को आधुनिक हथियारों और नए वज्र तथा वरुण वाहनों से भी परिचित करवाया जाएगा। साथ ही इनके संचालन का प्रशिक्षण भी अधिकारियों को दिया जाएगा।
क्या है ‘रैपिड एक्शन फोर्स’: गौरतलब है कि अक्टूबर, 1992 में सीआरपीएफ (CRPF) के विशेष फोर्स आरएएफ या रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) का गठन किया गया। इस विशेष फोर्स में 15 बटालियन हैं, जो सीआरपीएफ (CRPF) के बटालियन संख्या 99 से 108 तक और 83, 91, 97, 114 तथा 194 हैं। इस फोर्स को दंगे, दंगों जैसी स्थितियों से निपटने और आंतरिक सुरक्षा के लिए गठित किया गया है। आरएएफ (RAF) ऐसी फोर्स है जो कम से कम समय में संकट की स्थिति उत्पन्न होने पर घटनास्थल पर पहुंच जाती है।
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए भी करती है काम: यह फोर्स सामान्य जनता के बीच पहुंच उन्हें सुरक्षित करती है और उनमें विश्वास पैदा करती है कि उनकी सुरक्षा के लिए वह हमेशा तैयार है। आरएएफ (RAF) में महिला जवानों को भी शामिल किया गया है, जो महिला प्रदर्शनकारियों से निपटती हैं। आरएएफ के जवानों को संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए भी भेजा जाता है।
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