5 लाख का इनामी नक्सली बेटा फैला रहा ‘लाल आतंक’, भूखी-बीमार मां के रक्षक बने हैं CRPF जवान

बेटा तो है मगर वो जंगलों में भटकता फिरता है क्योंकि उसे मां-बाप की फिक्र नहीं बल्कि ‘लाल आतंक’ की चिंता है। इस नक्सली (Naxali) ने तो बेटे का फर्ज नहीं निभाया लेकिन हमारे CRPF के जवानों ने इंसानियत का फर्ज बखूबी निभाया है।

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घर में अन्न का दाना नहीं, बूढ़े पिता और बीमार मां का कोई रखवाला नहीं। ऐसा नहीं कि मां-बाप को कोई बेटा नहीं है। बेटा तो है मगर वो जंगलों में भटकता फिरता है क्योंकि उसे मां-बाप की फिक्र नहीं बल्कि ‘लाल आतंक’ की चिंता है। इस नक्सली (Naxali) ने तो बेटे का फर्ज नहीं निभाया लेकिन हमारे CRPF के जवानों ने इंसानियत का फर्ज बखूबी निभाया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के कटेकल्याण ब्लॉक में सीआरपीएफ (CRPF) की 195वीं बटालियन की टीम 14 मई को पेट्रोलिंग पर गई थी। यहां कुछ लोगों ने सीआरपीएफ के जवानों को बताया कि पखनाचुआ गांव में एक महिला बेहद बीमार हैं और उनके घर में अनाज का दाना तक नहीं। यह बात सुनकर सीआरपीएफ के जवानों से रहा नहीं गया और वो इस महिला की मदद के लिए उसी वक्त निकल पड़े।

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यहां आने पर पता चला कि बीमार महिला का नाम दुले सोरी है। दुले सोरी 22 साल के उस कुख्यात नक्सली (Naxalite) बुदरा सोरी की मां हैं जिसके सिर पर 5 लाख रुपए का इनाम है और जो सीआरपीएफ जवानों की हत्याओं में शामिल रह चुका है। लेकिन देश के जवानों के लिए इंसानियत शायद उनका पहला फर्ज है और उन्होंने उस वक्त इसी फर्ज को अदा किया।

दुले सोरी ने बताया, उसके घर में खाने के लिए अनाज तक नहीं है। उसे बहुत गंभीर बीमारी है। शरीर पर बड़े-बड़े छाले पड़ गए हैं। उसकी वजह से सोना भी मुश्किल हो जाता है।

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महिला की पीड़ा सुन जवानों का दिल पसीज गया। उन्होंने तुरंत वहां डॉक्टर को बुलाकर सबसे पहले महिला की जांच कराई। डॉक्टर ने महिला को उस वक्त कुछ दवाइयां दीं और फिर उन्हें बड़े अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा। उसी वक्त इन जवानों ने एंबुलेंस का इंतजाम कर महिला को अस्पताल भी पहुंचाया।

सीआरपीएफ (CRPF) की तरफ से कहा गया है कि वो जिंदगी की आखिरी सांस तक बीमार महिला की मदद करेंगे। भले ही उन्हें किसी भी बड़े से बड़े अस्पताल में क्यों ना भेजना पड़े। बुदरा के पिता हिडमा सोरी ने सीआरपीएफ (CRPF) कर्मियों का आभार जताया।

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उन्होंने कहा, आज इस कष्ट की घड़ी में वे उनकी मदद नहीं करते तो उनकी पत्नी दुले सोरी, पुत्र वधु हुरे सोरी और दो बेटे गुड्डी व बबलू बड़ी मुसीबत में फंस जाते। जवानों ने इस दुखी परिवार को राशन और बर्तन भी दिये हैं।

आपको बता दें कि दुर्दांत नक्सली बुदरा सोरी नक्सलियों (Naxalites) के टॉप कॉडर का सदस्य है। विधायक भीमा मंडावी को मारने, सीआरपीएफ के 7 जवानों की हत्या और डीडी न्यूज के एक फोटोग्राफर को मारने जैसे संगीन अपराध उसके खाते में हैं। बुदरा को नक्सलियों (Naxals) के टॉप कैडर में सचिव मोडियामी मंगतू का राइट हैंड माना जाता है।

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