Coronavirus: वैक्सीन बनने में लग सकते हैं 2 साल, गर्मी में वायरस के कमजोर होने की पुष्टि नहीं

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) को वैश्विक महामारी घोषित किया है‚ लेकिन भारत में अभी ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिली है

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कोरोना वायरस (Coronavirus) के वैश्विक महामारी घोषित होने के बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार करने में कम से कम दो वर्ष का वक्त लग सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेस में स्पष्ट किया कि  गर्मियों में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कमजोर होने की फिलहाल कोई पुष्टि नहीं है। हालांकि‚ कोरोना के बारे में सभी तथ्यों का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है। कोई पुष्ट अध्ययन अभी भी नहीं हैं। आम तौर पर यह माना जा रहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) उच्च तापमान में जीवित नहीं रह पाता है‚ लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

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कोरोना वायरस (Coronavirus) के लिए वैक्सीन बनाने में कम से कम डेढ से दो साल लग सकते हैं। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण का मामला बढ़कर 74 पर पहुंच गया है।

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मास्क और सेनेटाइजर की किल्लत के बारे में पूछने पर लव अग्रवाल ने कहा कि मास्क हमेशा जरूरी नहीं है। अगर शख्स उचित दूरी बनाकर रखता है। सावधानी बरतता है तो मास्क जरूरी नहीं। घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि‚ केंद्र की ओर से सभी राज्यों को मास्क व सेनेटाइजर की आपूर्ति से संबंधित निर्देश दिए जा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) को वैश्विक महामारी घोषित किया है‚ लेकिन भारत में अभी ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिली है। हमारे देश में ये संक्रमण केवल उन्हीं लोगों के बीच मिल रहा है जो बाहरी देश से यात्रा करके आए हैं या उनके संपर्क में आए परिवार के लोग। इसलिए अभी तक अन्य देशों की तुलना में भारत एक बेहतर स्थिति में है। रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर निगरानी रखे हुए हैं। उन्हीं के निर्देश पर मंत्री समूह गठित किया था।

अग्रवाल ने कहा कि सरकार के पास करीब 1 लाख टेस्टिंग किट हैं। इसके अलावा और किट्स भी खरीदी जा रही हैं। देशभर में केंद्र व राज्य सरकारों ने मिलकर 52 टेस्टिंग सेंटर स्थापित किए हैं। इसके अलावा 56 नमूने एकत्र करने वाले सेंटर हैं।

अब तक 900 भारतीयों को पड़ोसी देशों से निकाला जा चुका है। इसमें मालदीव‚ बांग्लादेश‚ चीन‚ यूएसए‚ श्रीलका‚ मैडागास्कर‚ नेपाल‚ साउथ अफ्रीका‚ पेरू‚ म्यांमार में थे।

ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (QCI) की वीजा फ्री यात्रा पर फिलहाल रोक। यह रोक 13 मार्च से 15 अप्रैल तक लगी रहेगी। मंत्रालय के अनुसार कोरोना संक्रमित 74 में से 57 भारतीय और 17 विदेशी नागरिक हैं।

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