कोरोना से विश्वयुद्ध: चीन ने तैयार की एंटीवायरल दवा, रूस में भी टीके का टेस्ट

कोरोना वायरस (Coronavirus) चीन (China) में धीरे–धीरे कम हो रहा है और वुहान में भी इसमें काफी कमी आई है, पिछले दो दिनों में वहां केवल एक मामला पॉजिटिव पाया गया।

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नोवल कोरोना वायरस (Coronavirus) से पिछले तीन महीने से जूझ रहे चीन (China) ने फैविपिरावीर का क्लीनिकल शोध पूरा कर लिया है। यह एक एंटीवायरल दवा है जिससे कोविड़–19 के खिलाफ अच्छे क्लीनिकल संकेत मिले थे। यह जानकारी चीन (China) के एक शीर्ष अधिकारी ने दी।

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चीन (China) के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी ड़ेवलपमेंट के निदेशक झांग शिनमिन ने कहा‚ फैविपीरावीर एंफ्लुएंजा की दवा है जिसे जापान ने 2014 में क्लीनिकल प्रयोग के लिए मंजूरी दी थी। इसकी क्लीनिकल परीक्षण के दौरान विपरीत प्रतिक्रिया नहीं दिखी।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़़े केंद्र के निदेशक झांग की घोषणा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कोविड़–19 रोगियों के इलाज के लिए अभी तक कोई प्रभावी उपचार नहीं है।

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हालांकि चीन (China) और कई अन्य देशों ने एचआईवी (HIV) के साथ ही इबोला वायरस रोगियों के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं का प्रयोग इस महामारी के इलाज में किया।

कोरोना वायरस (Coronavirus) चीन (China) में धीरे–धीरे कम हो रहा है और वुहान में भी इसमें काफी कमी आई है, पिछले दो दिनों में वहां केवल एक मामला पॉजिटिव पाया गया। वायरस सबसे पहले पिछले वर्ष दिसम्बर में वुहान में सामने आया था।

झांग ने बताया‚ शांगजेन के द थर्ड़ पीपुल्स हॉस्पीटल में क्लीनिकल परीक्षण में 80 से अधिक रोगियों ने हिस्सा लिया जिसमें से 35 रोगियों को फैविपिरावीर दिया गया और 45 रोगी नियंत्रित समूह में रहे।

उन्होंने कहा‚ परिणाम में दिखा कि जिन रोगियों को फैविपिरावीर दिया गया उनमें नियंत्रित समूह की तुलना में कम समय में वायरस जांच में नकारात्मक पाया गया।

रूस में भी टीके का परीक्षण

इधर रूस के वैज्ञानिकों ने भी कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए टीके के प्रारूपों का परीक्षण शुरू कर दिया है और जून तक एक प्रभावी प्रारूप पेश किए जाने की योजना है। सरकारी बायोटेक संस्थान के प्रयोगशाला प्रमुख ने यह जानकारी दी।

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p style=”text-align: justify;”>रूस में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमण के अब तक 93 मामले सामने आए हैं। इबोला वायरस के लिए टीकों पर पहले काम कर चुके साइबेरिया स्थित वेक्टर इंस्टीट्यूट के इलनाज इमातदीनोव ने वेस्ती नोवोसीबिर्स्क से कहा‚ प्रारूप तैयार कर लिये गए हैं।

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