दिल्ली में कोरोना के प्रसार के कारण संसद का शीतकालीन सत्र हो सकता है स्थगित!

शीतकालीन सत्र (Parliament Session) के लिए सरकार के पास ऐसी कोई आपात जरूरत भी नहीं है‚ क्योंकि सरकारी काम सभी चल रहे हैं और जो भी जरूरत हो उसके लिए सरकार अध्यादेश जारी कर ही रही है।

Parliament Session

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कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Session) बुलाने की संभावना कम हो गई है। उम्मीद है कि अब अगले साल जनवरी के अंतिम सप्ताह से सीधे बजट सत्र हो। आम तौर पर शीतकालीन सत्र 20 नवम्बर के आसपास शुरू होता था जो 15 दिसम्बर के आसपास तक चलता था‚ लेकिन इस बार कोरोना संकट की वजह से अभी तक शीतकाल सत्र बुलाने की गहमागहमी भी शुरू नहीं हुई है।

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दरअसल किसी सत्र को बुलाने से पहले कम से कम 15 दिन का समय देना होता है जिससे कि सदस्य प्रश्नकाल के लिए प्रश्न भेज सकें और सत्र की तैयारियों के लिए संबंधित एजेंसियां व लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय अपनी तैयारी पूरी कर सके।

गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र (Parliament Session) भी इस बार अगस्त के बजाय 14 सितंबर से शुरू हुआ था और 1 अक्टूबर को खत्म होना था लेकिन कोरोना केस बढ़ने की वजह से और करीब 40 सांसदों के संक्रमित होने के कारण सत्र को 23 सितंबर को ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था।

संवैधानिक प्रक्रिया के मुताबिक दो सत्रों के बीच 6 महीने से अधिक की समयावधि नहीं होनी चाहिए इस लिहाज से सत्र सितंबर में ही खत्म हुआ है यानी अगला सत्र 6 महीने की अवधि के दौरान होना चाहिए। शीतकालीन सत्र (Parliament Session) के लिए सरकार के पास ऐसी कोई आपात जरूरत भी नहीं है‚ क्योंकि सरकारी काम सभी चल रहे हैं और जो भी जरूरत हो उसके लिए सरकार अध्यादेश जारी कर ही रही है।

अगला सत्र बजट सत्र (Parliament Session) के रूप में जनवरी के अंतिम सप्ताह में होगा ताकि वित्त मंत्री 1 फरवरी को अपना बजट लोकसभा में पेश कर सकें। वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने ही बजट की तैयारियां शुरू कर दी हैं बजट पारित करना संवैधानिक आवश्यकता है इसलिए उसने संसद से पास कराना जरूरी होता है।

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