Coronavirus: प्रधानमंत्री मोदी की पहल, खतरे को देखते हुए SAARC देशों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के सदस्य देशों के साथ 15 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की।

SAARC

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए SAARC के सदस्य देशों के साथ 15 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे को देखते हुए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के सदस्य देशों के साथ 15 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए SAARC देशों का आपातकालीन फंड बनाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कोरोना संकट से निपटने के लिए सार्क देशों के सामने 10 मिलियन डॉलर (74 करोड़ रुपए) का इमरजेंसी फंड बनाने का प्रस्ताव रखा। इसमें सार्क देश अपनी इच्छा से अनुदान दे सकते हैं।

SAARC
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम साथ मिलकर इससे बेहतर ढंग से निपट सकते हैं। बता दें कि SAARC दक्षिण एशिया के देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका इसके सदस्य देश हैं।

‘सतर्क बने रहने की जरूरत’: कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा, “अभी तक SAARC देशों में 150 से भी कम मामले सामने आए हैं, लेकिन हमें सतर्क बने रहने की जरूरत है क्योंकि हमारे SAARC क्षेत्र में दुनिया की जनसंख्या का पांचवां हिस्सा रहता है।” उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के सामने बड़ी चुनौती है, इसलिए सभी देशों को एक साथ मिलकर तैयारी करने, कार्रवाई करने और सफल होने की जरूरत है।

‘तैयारी करना और घबराना नहीं’: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ भारत की लड़ाई के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा मंत्र ‘तैयारी करना और घबराना नहीं’ रहा है। हमें समस्या को कम करके आंकने के प्रति सावधान रहने की जरूरत है लेकिन इसी के साथ बेहद कठोर फैसले लेने से बचने की भी जरूरत है। हमने सक्रिय कदम उठाने की कोशिश की है, हमने जनवरी के मध्य में ही लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।”

इटली में फंसे 218 भारतीयों की घर वापसी, निगरानी के लिए सभी को ITBP कैंप भेजा गया

पाकिस्तान को छोड़ सभी देशों के शीर्ष नेता हुए शामिल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली और भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय त्शेरिंग ने इसमें हिस्सा लिया। हालांकि बैठक में पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) नहीं आए। उनकी जगह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी रखा था प्रस्ताव: ने दरअसल, कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए 13 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए SAARC देशों के बीच इस पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, ‘हमारी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है। विभिन्न स्तर पर सरकारें और लोग इसका मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। वैश्विक आबादी के एक बड़े हिस्से के घर दक्षिण एशिया को ये सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए कि हमारे लोग स्वस्थ रहें।’ पाकिस्तान समेत सभी SAARC देशों ने प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का स्वागत किया था।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें