कोरोना से धार्मिक-मांगलिक कार्यों पर लगी रोक, फूल कारोबारियों को 4500 करोड़ का नुकसान!

शादी और अन्य मांगलिक कार्यो के लिए ऑर्डर बुक किए जाते हैं। मगर इस साल लॉकडाउन (Lockdown) से सारे आर्डर भी रद्द हो चुके हैं।

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फूलों का उत्पादन करने वाले किसानों ने सोच रखा था कि इस साल अच्छी फसल होगी तो वे अपनी बेटी की शादी कर देंगे‚ कर्जा चुक जाएगा या अपना घर बना लूंगा। लेकिन कोरोना (Coronavirus) महामारी के पहले 21 दिन और अब 19 दिन के लॉकडाउन (Lockdown) ने किसानों और कारोबारियों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। जयपुर जिले के चौमू‚ आमेर और शाहपुरा सहित विभिन्न कस्बों और गांवों के हजारों किसानों और कारोबारियों के समक्ष अपनी आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है तो किसानों के सामने खेतों में खड़ी फूलों की फसल को मार्केट तक लाना और उसे बेचना संभव नहीं हो पा रहा है। इससे लगभग 500 करोड़ रुपए के फूलों के व्यवसाय चौपट हो गया है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि यदि देश में 3 महीने तक लॉकडाउन की स्थिति रहने के कारण देशभर में करीब 4500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अंदेशा है। लॉकडाउन (Lockdown) के चलते फूलों की मांग खत्म हो गई है। रोजाना लाखों रुपए का फूल खेतों में सड़कर बर्बाद हो रहा है।

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इस साल अच्छी फसल होने का किसानों ने कई सपने संजोए थे। लेकिन अब उनके कुछ हाथ नहीं लग पा रहा है। घाटे से बचने के लिए किसानों ने फूलों की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया है। वर्तमान में लॉकडाउन (Lockdown) के चलते मंदिर‚ मजिस्द‚ गुरुûद्वारे‚ गिरजाघर सहित अन्य धार्मिक स्थल बंद है। शादी समारोह के साथ साथ सभी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगी हैं।

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इस समय देशभर में शादियों और अन्य मांगलिक कार्यक्रम होना शुरू हो जाते है। लेकिन इस साल कोरोना (Coronavirus) महामारी और लॉकडाउन (Lockdown) के कारण शादियां और मांगलिक कार्य गृह-प्रवेश‚ मुंडन और अन्य धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम स्थगित होने का सीधा प्रभाव फूलों की खेती पर पड़ा हैं। स्थिति यह है कि पहले तय किए गए ऑर्डर भी रद्द हो गए हैं।

फूलों से जुड़े व्यवसायियों की मानें तो मार्च और अप्रैल माह फूलों के व्यापार के लिए अच्छा रहता है। किसान सीजन का पूरे साल इंतजार करता हैं। शादी और अन्य मांगलिक कार्यो के लिए ऑर्डर बुक किए जाते हैं। मगर इस साल लॉकडाउन (Lockdown) से सारे आर्डर भी रद्द हो चुके हैं।

 

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