
कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण 21 दिन के लॉकडाउन (Lockdown) के चलते राजधानी दिल्ली से पलायन का सिलसिला अभी थमा नहीं है। रविवार को भी काफी लोग आनंद विहार पहुंच गए जिन्हें पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। उधर एनएच–24 पर भी इसी तरह लोग रुके हुए हैं। लोगों को इंतजार है कि सरकार बसों में जाने की इजाजत जरूर देगी। दिल्ली-यूपी की सरकारों ने 29 मार्च को अपने-अपने बॉर्डर पैदल यात्रियों के लिए भी जब सील कर दिये तो इन लोगों ने रेल ट्रैक को अपना नया रास्ता बना लिया। अपने गांवों की तरफ लौट रहे इन लोगों की दलील है कि अब ये वापस उस स्थान पर नहीं जा सकते जहां ये इतने दिनों तक ठहरे हुए थे। ऐसे में इनके पास लगातार कई-कई दिनों तक चलने के अलावा दूसरा कोई मार्ग नहीं बचा है।
पुलिस ने आनंद विहार जाने वाले सभी रास्तों को रविवार सुबह ही बंद कर दिया है। ऐसे में दिल्ली पुलिस जगह-जगह पलायन कर रहे मजदूरों को भी सड़कों पर रोक रही है और उन्हें वापस भेज रही है।
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कश्मीरी गेट अंतर्राज्यीय बस अड्डे पर शास्त्री पार्क की और जाने वाले फ्लाईओवर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। आईटीओ से विकास मार्ग की तरफ जाने वाली फ्लाईओवर को भी बंद कर दिया गया है, वहीं गाजीपुर और आनंद विहार जाने वाले एनएच-24 रोड को भी बंद कर दिया गया है।
गौरतलब है कि यह सिलसिला शुक्रवार से उस समय शुरू हुआ जब हजारों की संख्या में लोग आनन्द विहार बॉर्डर पार कर रहे थे तो वहां मौजूद पुलिस अधिकारी क्यों सोए हुए थे‚ क्यों नहीं दिखाई दे रहा था कि आखिर इतने लोग एक साथ कहां जा रहे हैं‚ उन्हें वहां किसी ने रोका क्यों नहीं? अगर शुक्रवार को ही बॉर्डर पर तैनात पुलिस ने लोगों को रोक दिया होता तो आज स्थिति खराब नहीं होती।
लोगों का कहना था कि दिल्ली सरकार की ओर से कोई खाने–पीने रहने की व्यवस्था समय पर नहीं की गई थी इसीलिए अपने घरों की ओर प्रस्थान करने का मन बना लिया। हजारों लोगों के हुजूम को जब लोगों ने टीवी पर अपने गांव जाते हुए देखा तो वे भी सरकार को कोसते हुए ही नजर आ रहे थे।
लोगों का कहना था दिल्ली सरकार ने ठीक प्रबंध किए होते तो आज जो गरीब लोग नोएडा‚ गुरुग्राम‚ फरीदाबाद के बॉर्डर से सैकड़ों की संख्या में आनंद विहार की ओर रुख कर रहे हैं‚ वहीं रहते।
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