कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था ICU में, एक और बूस्टर डोज की तैयारी में सरकार

लॉकडाउन (Lockdown) के चलते देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। सूक्ष्म लघु उद्योग को बड़ी संकट का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में सरकार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बड़ी रियायत देने की तैयारी में है।

Lockdown

कोरोना (Coronavirus) महामारी से हांफ रही देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार एक बड़े बूस्टर डोज की तैयारी में है। पूर्व में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा 1.7 लाख करोड़ के राहत पैकेज ऐलान के बाद अब सरकार एक और राहत पैकेज लाने की तैयारी में है। आने वाले दिनों में सरकार मानवीय सहायता और आर्थिक प्रोत्साहन के रूप में अतिरिक्त राहत देने की योजना पर काम कर रही है।

सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन (Lockdown) के चलते देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। सूक्ष्म लघु उद्योग को बड़ी संकट का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में सरकार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बड़ी रियायत देने की तैयारी में है।

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देश में इस सेक्टर से 20 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। इसके अलावा कृषि‚ शिक्षा व ग्रामीण विकास विभाग को भी बड़ा जोर देने की तैयारी है।

कोरोना (Coronavirus) से निपटने के लिए गठित उच्च स्तरीय मंत्री समूह की बैठकों में इस पैकेज को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि राहत पैकेज जीडीपी का 5 फीसद तक हो सकता है। देखने में भले ही यह दुनिया के और देशों की तुलना में कम हो लेकिन हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ी है।

उल्लेखनीय है कि अन्य देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बड़े–बड़े पैकेज घोषित किए हुए हैं। ब्रिटेन ने अपनी जीडीपी का 20 फीसदी‚ जर्मनी ने भी अपनी जीडीपी का 20 फीसदी, सिंगापुर ने अपनी जीडीपी का 15 फीसदी और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था ने अपनी जीडीपी का 9 फीसदी राहत पैकेज पर खर्च किया है।

लॉकडाउन (Lockdown) का सबसे ज्यादा असर कुटीर व छोटे उद्योगों पर पड़ा है। इससे मजदूरों एवं छोटे व्यवसायी परेशानी में है। इस क्षेत्र में लगभग 20 करोड़ लोग काम करते हैं सरकार की नजर इन लोगों को राहत पहुंचाने पर है। इसके लिए सरकार की नजर अपने क्लस्टर प्लान पर है, इसमें ब्रिज प्लान बनाकर 400 क्लस्टर में सभी में 2-2 करोड़ रुपए लगाने की योजना है।

लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से शहरों से गांव की ओर पलायन भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। मजदूरों की वापसी बहुत मुश्किल काम है। ऐसे में सरकार ग्राम आधारित उद्योग धंधों को बढ़ावा देने की रणनीति पर काम कर रही है।

सूत्रों के अनुसार सपूर्ति नाम के इस प्लान को राज्य सरकारों द्वारा लागू कराने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है।

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