छत्तीसगढ़: नक्सली बढ़ा रहे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा, जानें कैसे…

कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण को लेकर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के एसपी अभिषेक पल्लव ने चैंकाने वाले खुलासे किए हैं।

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कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण को लेकर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के एसपी अभिषेक पल्लव ने चैंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा है कि भारत के नक्सलियों के सम्बंध चीन और नेपाल से हैं। बस्तर के नक्सली लीडर अंडरग्राउंड होकर नेपाल आते-जाते रहते हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में इन नक्सलियों के कारण कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की आशंका बढ़ गई है। अगर एक भी नक्सली में इसके लक्षण पॉजिटिव पाए जाते हैं तो इसका असर भोले-भाले आदिवासियों पर पड़ सकता है। यह बहुत ही चिंता का विषय है।

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वहीं, नक्सलियों द्वारा एनआरसी के विरोध में एक अप्रैल को दंडकारण्य बंद का ऐलान करने को लेकर एसपी ने कहा कि देश जहां इतनी बड़ी त्रासदी से जूझ रहा है, पूरे देश मे लॉकडाउन करते हुए धारा 144 धारा लगी हुई है, ऐसे में नक्सली बंद का ऐलान कर रोड काटेंगे, बिजली खम्ंभे उखाड़ेंगे जिससे ग्रामीण और ज्यादा परेशान हो जाएंगे।

एसपी ने कहा कि इससे नक्सलियों का दोहरा चरित्र उजागर होता है। वे ग्रामीणों की सुरक्षा के बारे में न सोचते हुए देश में बंद के बाबजूद इस बन्द का ऐलान कर रहे हैं। नक्सली सिर्फ ग्रामीणों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। उनके इस रवैये से कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा। उन्हें ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए उनके हित के बारे में सोचना चाहिए और 1 अप्रैल के दंडकारण्य बंद को स्थगित कर देना चाहिए।

छत्तीसगढ़: लॉकडाउन में नक्सलियों को नहीं मिल रहा जरूरत का सामान, खाने के भी पड़े लाले

बता दें कि नकुलनार नक्सलियों (Naxalites) ने कटेकल्याण से चिकपाल जाने वाली सड़क को काट दिया। इसके अलावा इस मार्ग में लगे बिजली के खंभे और पेड़ भी गिरा दिए। इतना ही नहीं किरंदुल में पेरपा चौक के पास नक्सलियों ने बैनर-पोस्टर लगाकर 1 अप्रैल को बंद की अपील की है। नक्सलियों (Naxals) ने कुछ ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी भी दी है।

ग्रामीणों के मुताबिक, नक्सलियों ने चिकपाल में सीएएफ (CAF) की 17वीं बटालियन का कैंप खोलने के विरोध में इस घटना को अंजाम दिया है। जानकारी के मुताबिक, कटेकल्याण से चिकपाल तक सड़क निर्माण 4 महीने पहले हो गया था। नक्सली (Naxali) शुरू से ही इलाके में इस सड़क के बनने का विरोध कर रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन ग्रामीणों की मांग को पूरा करने सड़क के साथ पुलिया निर्माण की कोशिश कर रहा था, जिसको लेकर नक्सली (Naxals) नाराज थे।

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