
PM Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जी20 सम्मेलन में कहा कि कोरोना (Coronavirus) महामारी दुनिया के सामने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती और मानवता के इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ है। मोदी ने जी20 के प्रभावी कामकाज में भारत के सूचना प्रौद्योगिकी कौशल की पेशकश की। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना (Coronavirus) के बाद की दुनिया में ‘कहीं से भी काम करना’ एक नई सामान्य स्थिति है और जी20 का एक डिजिटल सचिवालय बनाए जाने का सुझाव भी दिया।
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प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट किया, ‘‘जी20 के नेताओं से बहुत रचनात्मक वार्ता हुई। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समन्वित प्रयास निश्चित रूप से इस महामारी से तेजी से निपटने की अगुवाई करेंगे। डिजिटल सम्मेलन के आयोजन के लिए सऊदी अरब का आभार।’’
प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के बाद की दुनिया के लिए एक नए वैश्विक सूचकांक के विकास का सुझाव दिया जिसमें चार महत्वपूर्ण तत्व- प्रतिभाओं का बड़ा समूह तैयार करना, समाज के हर वर्ग तक प्रौद्योगिकी की पहुंच सुनिश्चित करना, शासन प्रणाली में पारदर्शिता लाना और पृथ्वी को संरक्षण की भावना से देखना- शामिल हों।
Had a very fruitful discussion with G20 leaders. Coordinated efforts by the largest economies of the world will surely lead to faster recovery from this pandemic. Thanked Saudi Arabia for hosting the Virtual Summit. #G20RiyadhSummit
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2020
प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) के मुताबिक, इस आधार पर जी20 एक नई दुनिया की नींव रख सकता है। सऊदी अरब के शाह सलमान ने जी20 सम्मेलन की शुरुआत की। इस साल कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की वजह से समूह के सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक डिजिटल तरीके से हो रही है। भारत 2022 में जी20 के सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
मोदी (PM Narendra Modi) ने पृथ्वी की रक्षा पर भी दिया बल
प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा, ‘‘हमारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता से हमारे समाजों को सामूहिक रूप से और विश्वास के साथ संकट से लड़ने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलती है। पृथ्वी के प्रति संरक्षण की भावना हमें एक स्वस्थ और समग्र जीवनशैली के लिए प्रेरित करती है।’’ साथ ही प्रधानमंत्री ने जी20 के प्रभावी कामकाज के लिए डिजिटल सुविधाओं के विकास के उद्देश्य से भारत के सूचना प्रौद्योगिकी कौशल की पेशकश की।
वहीं इस बैठक को लेकर विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने कोरोना (Coronavirus) महामारी को मानवता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण निर्णायक मोड़ तथा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती बताया।‘
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