कोरोना का कहर: साइलेंट कैरियर्स के कारण तेजी से फैल रहा है वायरस

चीन में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कुल संक्रमित मरीजों में एक तिहाई साइलंट कैरियर्स थे। हालांकि साइलेंट कैरियर्स की बात पहली बार सामने आई है

Coronavirus

कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी इसलिए बन गया क्योंकि यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। इस तरह संक्रमण की पूरी चेन बन जाती है। कोविड–19 से पीडित मरीजों में सामान्य तौर से सूखी खांसी‚ बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन ज्यादातर मरीज ऐसे भी हैं जिनमें ऐसे कोई लक्षण दिखाई तो नहीं देते लेकिन वे संक्रमित होते हैं। यही नहीं टेस्ट किए बिना यह पता नहीं लगाया जा सकता कि वे कोरोना से संक्रमित हैं या नहीं।

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साइलेंट कैरियर्स का मतलबः ईएनटी–यूके के पेपर के मुताबिक दक्षिण कोरिया‚ चीन और इटली में कोविड–19 के ऐसे ढेरों मरीज मिले हैं जो अचानक सूंघने की क्षमता खो चुके हैं। ये वे मरीज थे जिनमें कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण नहीं मिले।

जर्मनी में पाया गया कि हर तीन में से दो मामले ऐसे थे जिनमें यह समस्या पाई गई। दक्षिण कोरिया में 30 फीसदी कोरोना वायरस के मरीजों में पाया गया कि उनकी सूंघने की क्षमता जा चुकी है।

अध्ययन के हवाले से यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) से संबंधित जीटीबी अस्पताल में डिपार्टमेंट आफ फोरेंसिक के डॉ. ए. के. अग्रवाल ने बताया कि जिन लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते उन्हें साइलेंट कैरियर्स कहा जाता है।

ऐसे में अब यह बात सामने आई है कि चीन में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कुल संक्रमित मरीजों में एक तिहाई साइलंट कैरियर्स थे। हालांकि साइलेंट कैरियर्स की बात पहली बार सामने आई है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात का डर जता चुका था। यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ कोरोना वायरस प्रभावित देशों से बार–बार ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने की अपील कर रहा है।

अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टि नहींः चिकित्सकों समेत कई विशेषज्ञ शुरू से यह कह रहे हैं कि भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के ज्यादा मामले इसलिए सामने नहीं आ रहे हैं क्योंकि टेस्ट ही ज्यादा नहीं किए जा रहे हैं।

भारत में आमतौर पर उन्हीं लोगों की जांच की जा रही है जो विदेश से वापस लौटे हों और जिन्हें खांसी‚ जुकाम या बुखार की शिकायत है। इसके अलावा ऐसे लोगों के संपर्क में आए लोगों की भी जांच की जा रही है। वहीं सरकार की ओर से की गई रेंडम सेंपलिंग में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टि नहीं पाई गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव कुमार के अनुसार इस भयंकर वायरस (Coronavirus) की तीसरी स्टेज को कम्यूनिटी ट्रांसमिशन कहा जाता है। भारत में स्थिति तीसरी स्टेज तक न पहुंचे इसके लिए कई एहतियातन कदम उठाए गए हैं।

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p style=”text-align: justify;”>पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में भारत में कोविड–19 (Coronavirus) के साइलंट कैरियर्स का पता लगाने में ये रिपोर्ट काफी उपयोगी साबित हो सकती है।

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