खत्म हुआ इंतजार! 2 दिन बाद दुनिया को मिलेगी पहली कोरोना वैक्सीन, ये देश कराएगा रजिस्ट्रेशन

भारत, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और चीन जैसे देश वैक्सीन बनाने की तैयारियों में काफी समय से जुटे हुए हैं।

Corona Vaccination

सांकेतिक तस्वीर।

भारत, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और चीन जैसे देश वैक्सीन बनाने की तैयारियों में काफी समय से जुटे हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की मानें तो दुनियाभर में 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के चरण में हैं।

दुनिया को कोरोना वैक्सीन (coronavaccine) कब मिलेगी? कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच ये सवाल अब हर इंसान के मुंह से सुनाई देता है। जैसे-जैसे कोरोना (coronavirus) के मामले बढ़ रहे हैं, वैसे ही ये सवाल भी दुनिया की चिंता को हर दिन बढ़ा रहा है।

भारत, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और चीन जैसे देश वैक्सीन बनाने की तैयारियों में काफी समय से जुटे हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो दुनियाभर में 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के चरण मे है।

इस दौड़ में रूस के दावे कुछ ज्यादा पक्के दिख रहे हैं। रूस के दावे के मुताबिक, वैक्सीन के लिए उसका इंतजार अब कुछ ही दिनों का है। बस दो दिन बाद यानी 12 अगस्त को वैक्सीन का पंजीकरण कराया जाएगा।

रूस की इस वैक्सीन को दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन माना जा रहा है।

रूस में कोरोना वैक्सीन को विकसित करने का काम गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट की तरफ से किया जा रहा है।

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स्पेटनिक न्यूज के अनुसार, गमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि एडेनो वायरस के आधार पर यह टीका बनाया गया है। उन्होंने कहा कि संभावित रूप से टीका, किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।

रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन ट्रायल में सफल रही है और अक्टूबर महीने से देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा। जिसका पूरा खर्च रूस सरकार उठाएगी।

रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिदनेव के मुताबिक, वैक्सीन का तीसरा चरण यानी आखिरी ट्रायल चल रहा है। उन्होंने इस वैक्सीन के प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि इसका पता तो तब चल पाएगा जब बड़े पैमाने पर लोगों के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) विकसित हो जाएगी।

उन्होंने ये भी कहा है कि 12 अगस्त को दुनिया की इस पहली कोरोना वायरस वैक्सीन का पंजीकरण कराया जाएगा। 

रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने पहले कहा था कि कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों को सबसे पहले यह वैक्सीन दी जा सकती है।

हालांकि, रूस की इस वैक्सीन पर कई संदेह भी जताए जा रहे हैं, क्योंकि रूस ने वैक्सीन का कोई भी साइंटिफिक डेटा रिलीज नहीं किया है। जिसके चलते अमेरिका और ब्रिटेन के साथ कई अन्य देशों ने सवाल उठाए हैं। ब्रिटेन ने तो रूस की इस वैक्सीन का इस्तेमाल करने से ही साफ इनकार कर दिया है।

लेकिन रूस को अपनी वैक्सीन पर कोई भी संदेह नहीं है। तभी तो वह अक्टूबर से टीकाकरण अभियान चलाने की बात कह रहा है।

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