
जिस चीन (China) से कोरोना वायरस (Corona Virus) दुनियाभर में फैला, अब वही मेडिकल सप्लाई के नाम पर दुनिया के साथ मजाक कर रहा है। यूरोपीय देशों समेत कई जगहों पर चीन ने इतने घटिया पीपीई (PPE) किट भेजे हैं, जिन्हें पहना ही नहीं जा सकता। सोशल मीडिया पर ऐसे तमाम वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें चीन के भेजे पीपीई किट पहनते ही फट जा रहे हैं। मास्क के नाम पर भी चीन ने शर्मनाक हरकतें की हैं। बीतें दिनों उसने अपने ‘सदाबहार दोस्त’ पाकिस्तान तक को अंडरवेअर से बने मास्क भेजे थे। अब भारत के साथ भी उसने ऐसा ही भद्दा मजाक किया है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 5 अप्रैल तक भारत में चीन से करीब 1.70 लाख PPE किट की सप्लाई आई थी, जिसमें से 50,000 किट क्वॉलिटी टेस्ट में खरे नहीं उतरे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘30,000 और 10,000 PPE किट के दो छोटे कंसाइनमेंट्स भी टेस्ट में पास नहीं हो पाए।’
इन उपकरणों की जांच डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की ग्वालियर स्थित लेबोरेट्री में हुई थी। चीन इन उपकरणों को सप्लाई करने वाला दुनिया का सबसे प्रमुख देश है। इस बीच कोरोना की जांच के लिए चीन से 6.5 लाख टेस्टिंग किट आने वाले हैं। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि वे सिर्फ CE/FDA से मान्यता प्राप्त PPE ही खरीद रहे हैं।
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हालांकि सरकार को कई कंसाइनमेंट्स डोनेशन के तौर पर भी मिले हैं, जो क्वॉलिटी टेस्ट में सही नहीं पाए गए और ऐसे में उनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, ‘जिन किट्स को FDA/CE से मान्यता नहीं मिली है, उन्हें भारत में क्वॉलिटी टेस्ट से गुजरना होता है। क्वॉलिटी टेस्ट में जो कंसाइनमेंट्स फेल हुए हैं, उन्हें देश की बड़ी प्राइवेट कंपनियों ने डोनेशन के तौर पर भारत सरकार को दिया था।’
भारत को रोजाना करीब 1 लाख PPE की जरूरत है। हालांकि एक्सपोर्ट में गिरावट और वायरस के प्रकोप के चलते दुनियाभर में मांग बढ़ने के चलते इन किट्स की पर्याप्त मात्रा में सप्लाई काफी चुनौतीपूर्ण बन गई है। गौरतलब है कि भारत में अधिकतर किट्स चीन, जापान और कोरिया से आते हैं। हालांकि जापान और कोरिया के किट्स काफी महंगे हैं।
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दुनियाभर में तेजी से फैलते कोरोना वायरस (COVID-19) के चलते यूरोप और अमेरिका ने अब एक्सपोर्ट के लिए इन किट्स को बनाना बंद कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि किट की कमी को पूरा करने के लिए ट्रेडर्स के जरिए अतिरिक्त 10 लाख सूट्स का ऑर्डर दिया गया है। इन ट्रेडर्स में एक सिंगापुर की कंपनी भी शामिल है। हालांकि ये सभी सूट्स चीन से ही मंगाए जाने हैं।
सरकार 18 अप्रैल से डिलीवरी मिलने की उम्मीद कर रही है। सूत्रों ने बताया, ‘मई के पहले हफ्ते तक हमारे पास ये सूट्स होने चाहिए। इस बीच और भी ऑर्डर दिए जाएंगे।’ सरकार का आंतरिक आंकलन कहता है कि अगर भारत में पास इस समय 20 लाख सूट्स होते तो वह अभी के मुकाबले कहीं बेहतर स्थिति में होता।
अधिकारियों का कहना है कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ऑर्डर की संख्या बढ़ती जा रही है। अधिकतर ऑर्डर चीन से आने हैं। इस मामले में अभी तक हम पूरी तरह इंपोर्ट पर निर्भर थे और हमने कभी नहीं सोचा था कि इसकी मांग में बढ़ोतरी होगी।’
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