दुनिया की पहली कोरोना वायरस की वैक्सीन के बारे में कितना जानते हैं आप? यहां जानें 10 बड़ी बातें

अभी तक दुनिया के हर शख्स के दिमाग में बस एक ही सवाल घूम रहा था कि इस महामारी की वैक्सीन कब आएगी। लेकिन अब रूस ने दुनिया को एक उम्मीद की राह दिखाई है।

Corona Vaccination

सांकेतिक तस्वीर।

रूस ने दावा किया है कि उसने दुनिया की पहली कोरोना वायरस की वैक्सीन (Corona Vaccine) बना ली है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को खुद इस बात की जानकारी दी कि रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। पुतिन की बेटी को भी इस वैक्सीन का एक डोज दिया गया।

कोरोना वायरस (Corona Virus) ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। हर दिन इसके मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। WorldoMeter के मुताबिक, पूरी दुनिया में कोरोना के अब तक 20522191 मामले सामने आए हैं। जिनमें 745928 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 13441861 है।

अभी तक दुनिया के हर शख्स के दिमाग में बस एक ही सवाल घूम रहा था कि इस महामारी की वैक्सीन कब आएगी। लेकिन अब रूस ने दुनिया को एक उम्मीद की राह दिखाई है। रूस ने दावा किया है कि उसने दुनिया की पहली कोरोना वायरस की वैक्सीन (Corona Vaccine) बना ली है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को खुद इस बात की जानकारी दी कि रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। पुतिन की बेटी को भी इस वैक्सीन का एक डोज दिया गया।

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ऐसे में अब लोगों की नजर WHO के फैसले पर है। लोग जानना चाहते हैं कि क्या WHO इस वैक्सीन को मंजूरी देगा। आइए जानते हैं कि इस वैक्सीन को लेकर पूरा अपडेट-

1- कोरोना को लेकर जब दुनियाभर में लोग परेशान थे, तब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को ये जानकारी दी कि रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बना ली है।

2- इस वैक्सीन का नाम स्‍पूतनिक वी (Sputnik V) है और इसे रूस में 2 महीने के ह्यूमन ट्रायल के बाद मंजूरी मिली है। वैक्सीन का नाम स्‍पूतनिक बहुत खास है क्योंकि स्पूतनिक दुनिया के पहले सैटेलाइट का नाम था, इसे सोवियत संघ ने 1957 में लॉन्च किया था।

3- कोरोना वैक्सीन का पहला इस्तेमाल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी पर किया गया। उनकी 2 बेटियों में से एक को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, जिसके बाद उसे वैक्सीन दी गई और फिर उसकी हालत में तेजी से सुधार हुआ। वैक्सीन के इस्तेमाल से पुतिन की बेटी का बुखार एक ही दिन में कम हो गया।

4- इस वैक्सीन को रूस के गामालेया नेशनल सेंटर ने बनाया है। इस वैक्सीन के लिए एक अलग वायरस ‘एडेनोवायरस’ का इस्तेमाल किया गया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और चीन में भी इससे मिलती-जुलती वैक्सीन विकसित की गई है।

5- स्‍पूतनिक वी (Sputnik V) को रूस के रक्षा मंत्रालय और गामालेया नेशनल सेंटर ने मिलकर बनाया है। इसका क्लीनिकल ट्रायल 18 जून से शुरू हुआ था। जिन 38 वालंटियर्स पर ये ट्रायल हुआ, उनमें कोरोना से लड़ने की इम्यूनिटी विकसित हुई थी। इन वालंटियर्स को 15 जुलाई और 20 जुलाई को डिस्चार्ज कर दिया गया था।

6- अभी इस वैक्सीन के अप्रूवल को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि फाइनल ट्रायल होना बाकी है, लेकिन रूस की एक कंपनी सिस्टेमा ने साल के आखिर तक बड़े स्तर पर उत्पादन करने की बात कही है।

7- RDIF प्रमुख किरिल दिमित्री ने बताया है कि रूस से 20 से ज्यादा देशों ने करीब 1 बिलियन डोज की डिमांड की है।

8- दिलचस्प बात ये है कि वैक्सीन को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है, जबकि इसका फेज 3 का ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ है।

9- आज से इस वैक्सीन का फेज-3 का ट्रायल शुरू होगा, इसमें कई देश शामिल हो रहे हैं। इसमें ये वैक्सीन कई लोगों को दी जाएगी। रूस का कहना है कि ये वैक्सीन पहले उन लोगों को दी जाएगी, जिन्हें इस वायरस से ज्यादा खतरा है।

10- हालांकि अभी तक WHO ने इस वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है। WHO और रूस के बीच बातचीत का दौर जारी है। लेकिन WHO का कहना है कि वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के पहले ही प्रोडक्शन के लिए लाइसेंस देना खतरनाक हो सकता है।

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