Corona Vaccination: पीएम से लेकर सीएम और सांसद तक, दूसरे चरण में लेंगे वैक्सीन का डोज

देशभर में 16 जनवरी से ही कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) शुरू हो चुका है। टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से ही यह चर्चा हो रही है कि नेता अब तक टीका क्यों नहीं ले रहे हैं?

Covid Vaccine

सांकेतिक तस्वीर।

टीकाकरण (Corona Vaccination) को लेकर अभी भी लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। इन भ्रांतियों को दूर करने में नेताओं की अहम भूमिका हो सकती है।

देशभर में 16 जनवरी से ही कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) शुरू हो चुका है। टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से ही यह चर्चा हो रही है कि नेता अब तक टीका क्यों नहीं ले रहे हैं? बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने तीन माह पहले कहा था कि टीका आने के बाद सबसे पहले वह इसकी डोज लेंगे लेकिन 16 जनवरी को दिल्ली एम्स में उन्होंने टीका नहीं लिया।

अब खबर है कि वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी मुख्यमंत्री को कोरोना का टीका लगेगा। दूसरे चरण में 50 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को वैक्सीन लगाया जाएगा। वैक्सीन को लेकर मुख्यमंत्रियों की बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि घबराने की जरूरत नहीं है, दूसरे फेज में सभी को वैक्सीनेशन करा दिया जाएगा, जो भी 50 साल के ऊपर होंगे। ऐसे में सभी सांसद और विधायक, जो 50 के ऊपर है, उनको दूसरे चरण में कोरोना का वैक्सीनदिया जाएगा। अभी कोरोना टीकाकरण का पहला चरण चल रहा है जो आगामी अप्रैल तक खत्म होगा।

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टीकाकरण को लेकर गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स के विशेषज्ञ भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि 27 करोड़ लोगों को जल्द से जल्द टीका देने के लिए राजनेताओं का सहयोग जरूरी है। दिल्ली एम्स के एक वरिष्ठ अधिकारी और फोर्स में सदस्य के अनुसार, टीकाकरण (Corona Vaccination) को लेकर अभी भी लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। इन भ्रांतियों को दूर करने में नेताओं की अहम भूमिका हो सकती है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि अप्रैल माह में पीएम सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में इस पर जानकारी दे सकते हैं ।

खबरों के मुताबिक, दूसरे चरण में देश के उन 75 फीसदी सांसद, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को टीका दिया जाएगा जिनकी आयु 50 या उससे अधिक आयु है। इनमें से जिन जन प्रतिनिधियों में जीवनशैली से जुड़े रोग उच्च रक्तचाप या फिर मधुमेह इत्यादि अनियंत्रित स्थिति में होंगे उन्हें सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी।

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पीआरएस विधायी अनुसंधान के अनुसार, लोकसभा में 343 और राज्य सभा में 200 सांसद की आयु 50 या उससे अधिक है। ठीक इसी तरह मोदी सरकार की कैबिनेट में 95 फीसदी मंत्री टीकाकरण (Corona Vaccination) में शामिल हो सकते हैं।

टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होते ही लोकसभा से लेकर विधानसभा क्षेत्र तक में विशेष अभियान संचालित किए जा सकते हैं जिनकी जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के मुख्य प्रतिनिधि पर होगी। जानकारी यह भी है कि सांसद और विधायक अपने अपने कार्यक्षेत्र में जनता के बीच पहुंचकर टीकाकरण में शामिल हो सकते हैं।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अलग-अलग चरणों की नीति को अंतिम रुप दिया जा चुका है। पहले चरण में किसी भी प्रतिनिधि को टीका नहीं दिया जा सकता है। इसे लेकर पहले ही काफी विचार विमर्श किया जा चुका है जिसके बाद ही यह फैसला लिया गया है। ऐसे में अगर पहले चरण के दौरान पीएम या सीएम के टीका नहीं लेने पर कोई सवाल करता है तो वह निराधार है।

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एक अन्य अधिकारी के अनुसार, देश में कई जनप्रतिनिधि की आयु 80 वर्ष या उससे भी अधिक है। इन्हें दूसरे चरण में प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले टीका दिया जा सकता है। इनमें दो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरपा भी शामिल हैं।

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