बिहार चुनाव में कांग्रेस की दुर्गति से पार्टी में उठने लगे बगावती सुर, राहुल गांधी के नेतृत्व पर फिर उठे सवाल

कांग्रेस (Congress) के एक दूसरे महत्वपूर्ण नेता ने कहा कि निकालना हो तो निकाल दें पार्टी से‚ मगर अब हम चुप नहीं बैठेंगे। बिहार चुनाव में पार्टी के इतने खराब प्रदर्शन के बाद भी कोई आत्म-मंथन नजर नहीं आ रहा‚ आखिर ऐसा कब तक चलेगाॽ

Rahul Gandhi

बिहार चुनाव व देश के 11 राज्यों में हुए उपचुनाव में कांग्रेस (Congress) की दुर्गति के बाद पार्टी में घमासान मचा हुआ है एक बार फिर पार्टी बगावत की राह पर है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की कार्यशैली को लेकर जिस तरह से पार्टी के अंदर नेता सवाल उठा रहे हैं उससे आने वाले दिनों में कांग्रेस का संकट काफी गहरा सकता है।

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पार्टी सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों लेटर बम फोड़ने वाले नेताओं में से कुछ नेता इस बार फिर हमलावर हैं और अब निर्णायक लड़ाई के मूड में हैं। कपिल सिब्बल ने जो आवाज उठाई है अंदर खाने कई और वरिष्ठ नेता उसका न केवल समर्थन कर रहे हैं बल्कि इस बार पार्टी आलाकमान से स्पष्ट निर्णय की अपेक्षा रख रहे हैं।

एक समय पर देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी कही जाने वाली कांग्रेस (Congress) आज एक ऐसे चौराहे पर खड़ी है‚ जहां उसे ये नहीं पता कि जाना किस ओर है। बिहार चुनाव में मिली बेहद निराशाजनक हार के बाद कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया है। कांग्रेस का संकट अब आने वाले दिनों में और गहराने वाला है। संकेत साफ है‚ बगावत इस बार राहुल (Rahul Gandhi) के नेतृत्व को लेकर है‚ जो न तो वापस पूरी तरह अध्यक्ष बन रहे और न ही चुनावों में सकारात्मक नतीजे ला पा रहे। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने फिलहाल इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है।

सूत्रों के अनुसार कुछ वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर पार्टी आलाकमान के खिलाफ निर्णायक विद्रोह के संकेत दे दिए हैं। एक दिन पहले ही कपिल सिब्बल ने आवाज उठाते हुए कहा था कि कांग्रेस (Congress) के लिए तो अब समीक्षा और आत्मचिंतन तक का समय निकल चुका है।

पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा‚ अब हम पार्टी को खत्म होते नहीं देख सकते‚ इसलिए हम इस बार कदम वापस नहीं खीचेंगे। पार्टी किसी एक की नहीं है।

कांग्रेस (Congress) के एक दूसरे महत्वपूर्ण नेता ने कहा कि निकालना हो तो निकाल दें पार्टी से‚ मगर अब हम चुप नहीं बैठेंगे। बिहार चुनाव में पार्टी के इतने खराब प्रदर्शन के बाद भी कोई आत्म-मंथन नजर नहीं आ रहा‚ आखिर ऐसा कब तक चलेगाॽ

वहीं एक नेता ने कहा कि मुझे तो अब किसी पद की भी लालसा नहीं‚ ले लो मुझसे मेरा पद वापस‚ लेकिन अब पार्टी ऐसे नहीं चलेगी।

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