भारत-चीन के बीच खूनी संघर्ष में शहीद कर्नल की मां ने कहा, इकलौता बेटे को खोने का दुख है लेकिन देश के लिए उसकी कुर्बानी पर गर्व

संतोष (Col Santosh Babu) ‘16 बिहार रेजिमेंट’ में थे और पिछले डेढ़ साल से भारत चीन सीमा पर तैनात थे। उन्होंने अपने माता-पिता से कहा था कि उन्हें जल्द ही हैदराबाद ट्रांसफर कर दिया जाएगा, लेकिन कोविड 19 से उत्पन्न स्थिति के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई।

कर्नल संतोष बाबू (B Santosh Babu) के पिता ने कहा, सेना में शामिल होकर उसने मेरा सपना पूरा किया था

कर्नल संतोष (Col Santosh Babu) ‘16 बिहार रेजिमेंट’ में थे और पिछले डेढ़ साल से भारत चीन सीमा पर तैनात थे।

पूर्वी लद्दाख में सोमवार की रात चीनी सेना से हुई झड़प में शहीद हुए कर्नल वी. संतोष बाबू (Col Santosh Babu) की मां ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने देश की खातिर सर्वोच्च बलिदान दिया। उनके रिटायर बैंककर्मी पिता ने कहा बेटे ने सेना ज्वाइन करके उनके सपने को पूरा किया था, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि अब वो हमारे बीच नहीं रहा।

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कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू (Col Santosh Babu) तेलंगाना के सूर्यपेट जिले के रहने वाले थे। बाबू और 19 अन्य भारतीय जवान गलवान घाटी में भारत व चीनी सेना के बीच हुई झड़प में शहीद हो गए थे। दोनों देशों की सेनाएं पिछले कुछ समय से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास आमने-सामने हैं। संतोष बाबू की मां मंजुला ने कहा कि मुझे दुःख भी है और साथ ही मैं गर्वित भी हूं। मेरे बेटे ने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया है। एक मां के रूप में मैं दुखी हूं। वह मेरा इकलौता बेटा था।

संतोष (Col Santosh Babu)  अपने पीछे पत्नी, नौ साल की बेटी और चार साल के बेटे को छोड़कर गए हैं। मंगलवार दोपहर बेटा के शहीद होने की खबर सुनकर उनके माता-पिता को विश्वास ही नहीं हुआ और वे स्तब्ध रह गए। शहीद की मां मंजुला ने कहा कि हमारी बहू दिल्ली में है और उसे कल रात सूचित किया गया था। हमें दोपहर में खबर मिली।

पिता ने कहा, विश्वास नहीं हुआ कि बेटा खो दिया-

संतोष (Col Santosh Babu) के पिता उपेंद्र सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि ‘’हम विश्वास करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन कहा गया कि यह सच है। हमने अपना बेटा खो दिया है। उन्होंने याद किया कि संतोष छठी कक्षा में सैनिक स्कूल में शामिल हुए थे। शहीद के पिता ने कहा, मैं सेना में सेवा करना चाहता था, लेकिन मैं अपना यह लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया। मैने अपने बेटे के माध्यम से अपने सपने को पूरा किया। वह बहुत प्रतिभाशाली था और उसे 15 साल की सेवा में कई प्रमोशन मिले थे।‘’

मां से कहा, सीमा पर स्थिति गंभीर है-

संतोष (Col Santosh Babu) ‘16 बिहार रेजिमेंट’ में थे और पिछले डेढ़ साल से भारत चीन सीमा पर तैनात थे। उन्होंने अपने माता-पिता से कहा था कि उन्हें जल्द ही हैदराबाद ट्रांसफर कर दिया जाएगा, लेकिन कोविड 19 से उत्पन्न स्थिति के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई। मां मंजुला ने कहा कि ‘’मैंने आखिरी बार से रविवार रात को बात की थी। मैंने उससे बातचीत के बाद दोनों सेनाओं के वापस आने की खबरों के बारे में पूछा था। उसने मुझसे कहा कि मुझे इन खबरों पर विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि बातचीत अलग है और जमीनी हकीकत अलग है। उसने कहा थी कि यहां स्थिति गंभीर है। तब मैंने उसे उसका ख्याल रखने के लिए कहा था।‘’

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