भारत ने निकाली ड्रैगन की हेकड़ी, चीनी ऐप से बैन हटवाने के लिए गिड़गिड़ा रहा है चीन

ऐप (Chinese App) से प्रतिबंध हटाने को चीन गिड़गिड़ा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब देने में चीनी कंपनियों को पसीना छूट रहा है। ऐप (Chinese App) से प्रतिबंध हटाने को लेकर चीन का दूतावास पैरवी करने में जुटा हुआ है।

Chinese App

India ban 59 Chinese Apps for security reason.

लद्दाख के गलवान में भारतीय सीमा में घुसपैठ कर देश के 20 जवानों की हत्या के बाद चीनी मोबाइल ऐप (Chinese App) पर भारत द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से चीन सरकार हिली हुई है। ऐप (Chinese App) से प्रतिबंध हटाने को चीन गिड़गिड़ा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब देने में चीनी कंपनियों को पसीना छूट रहा है। ऐप (Chinese App) से प्रतिबंध हटाने को लेकर चीन का दूतावास पैरवी करने में जुटा हुआ है।

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सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार‚ सरकार ने इन कंपनियों से इस तरीके के सवाल पूछे हैं जिनसे यह सुनिश्चित करने में पता चल सके कि भारतीय डाटा का कहीं दुरुपयोग किसी खास मकसद से तो नहीं किया जा रहा था। यह किसी खास मानसिकता के साथ तो नहीं संचालित किए जा रहे थे।

इस प्रकरण की समीक्षा के लिए गठित समिति के एक सदस्य के अनुसार पूछे जाने वाले सवालों में ऐप (Chinese App) के डिजाइन में सुरक्षा इंतजाम‚ कारोबार करने का तरीका‚ आमदनी के सभी स्रोत‚ टैक्स रिटर्न‚ दूसरे देशों की सरकारों के हित साधने और उपयोगकर्ता को प्रभावित करने के तौर–तरीकों की जानकारी तो मांगी ही गई है। इसके अलावा यह किसी सरकार के इशारे पर कंटेंट या अपने यूजर्स को किस प्रकार प्रभावित कर सकते हैं। इन सब के बारे में भी खुलासा करने को कहा गया है।

प्रतिबंधित कंपनियों द्वारा समुचित जवाब नहीं आए तो इन कंपनियों को बाहर का भी रास्ता दिखाया जा सकता है। भारत सरकार ने देश की संप्रभुता अखंडता के मद्देनजर चीनी ऐप (Chinese App) टिक टॉक‚ शेयर इट‚ यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे चीनी कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। सूत्रों के अनुसार‚ प्रतिबंध हटाने के लिए भारत स्थित चीनी दूतावास काफी सक्रिय है और लगातार इन कंपनियों की पैरवी करने में जुटा हुआ है।

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