दोनों देशों के बीच लद्दाख के पैंगोंग सो (Pangong Tso) इलाके में कई महीनों से जारी गतिरोध को खत्म करने पर सहमत हुए हैं और पीछे हट रहे हैं।
भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील (Pangong Tso) के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया और दोनों देशों के सैनिक पीछे हटना शुरू हो गए हैं। भारत और चीनी सेना के टैंक लद्दाख में मौजूदा स्थिति से पीछे हटते दिखाई दे रहे हैं। भारतीय रक्षा सूत्रों ने यह वीडियो (Ladakh video) जारी किया है।
दोनों देशों के बीच लद्दाख के पैंगोंग सो (Pangong Tso) इलाके में कई महीनों से जारी गतिरोध को खत्म करने पर सहमत हुए हैं और पीछे हट रहे हैं। इतना ही नहीं, पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से तोपें भी पीछे हट रही हैं। जिस रफ्तार से चीन पैंगोंग सो के किनारों से तोपों को हटा रहा है, वह वाकई चौंकाने वाला है।
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दरअसल, 11 फरवरी तक चीनी सेना यानी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने पैंगोंग सो (Pangong Tso) के दक्षिण तट से 200 से अधिक प्रमुख युद्धक टैंकों को वापस कर लिया था और लद्दाख के फिंगर 8 के उत्तरी तट से अपने सैनिकों को वापस ले जाने के लिए 100 भारी वाहन तैनात किए थे। चीनी सेनाओं और टैंकों की वापसी की गति वास्तव में भारतीय सेना से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों को आश्चर्यचकित किया है।
नाम न जाहिर होने देने की शर्त पर सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि भारत और चीन के बीच समझौते के बाद 10 फरवरी को सुबह 9 बजे पैंगोंग सो (Pangong Tso) पर डिसइंगेजमेंट शुरू हो गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर, अजीत डोवाल सहित शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा बीजिंग के समकक्षों के बीच कई दौर की बैक-चैनल वार्ताओं के बाद भारत और चीन के बीच यह समझौता हुआ।
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इसका परिणाम यह हुआ कि भारत पूर्वी लद्दाख में अपनी स्थिति पर कायम रहा। अधिकारियों के अनुसार, चीनी सेना ( PLA) और भारतीय सेना दोनों शनिवार तक अपने सैनिकों को पीछे कर लेंगे और सहमत पोजिशन से भी हट जाएंगे। उन्होंने कहा कि समझौता हुआ है कि डिसइंगेजमेंट तीन दिनों में पूरा हो जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, जब एक बार पैंगोंग त्सो से तोपखाने और सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तब दोनों पक्ष पैंगोंग त्सो के उत्तर में गश्त बिंदु 15 (गोगरा) और 17 (हॉट स्प्रिंग्स) क्षेत्र में डिसइंगेजमेंट की बातचीत शुरू करेंगे।
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बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 11 फरवरी को कहा कि भारत और चीन पश्चिम हिमालय के गतिरोध वाले क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हुए हैं।
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राजनाथ ने संसद में कहा कि 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पैंगोंग सो (Pangong Tso) में सैन्य स्थिति को लेकर दोनों देश कई दौर की सैन्य वार्ता और कूटनीतिक संवाद के बाद सहमति पर पहुंचे हैं। वहीं, चीन के रक्षा मंत्रालय ने भी 10 फरवरी को कहा था कि दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक पीछे झील के किनारे से हटना शुरू हो गए हैं।
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