चीन ने चांद से नमूने लाने के लिए लॉन्च किया रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट, चैलेंज से भरा है ये मिशन

भारत के साथ जारी तनाव के बीच चीन (China) ने अब चांद की सतह से नमूने एकत्र करने के लिए अपना पहला मानवरहित यान सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। चीन ने हैनान स्थित वेनचांग अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण स्थल से यान ‘चांग 5’ (Chang’e 5) को चांद पर भेजने के लिए सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।

Chang'e 5

चीन (China) ने दक्षिणी प्रांत हैनान स्थित वेनचांग अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण स्थल से यान ‘चांग 5’ (Chang’e 5) को चांद पर भेजने के लिए सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।

भारत के साथ जारी तनाव के बीच चीन (China) ने अब चांद की सतह से नमूने एकत्र करने के लिए अपना पहला मानवरहित यान सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। सीजीटीएन की खबर के मुताबिक, चीन ने दक्षिणी प्रांत हैनान स्थित वेनचांग अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण स्थल से यान ‘चांग 5’ (Chang’e 5) को चांद पर भेजने के लिए सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।

यह यान ‘लांग मार्च-5 रॉकेट’ के जरिए स्थानीय समय के अनुसार सुबह के साढ़े चार बजे प्रक्षेपित किया गया। यह रॉकेट तरल केरोसिन और तरल ऑक्‍सीजन की मदद से चलता है। चीन का यह रॉकेट 187 फुट लंबा और 870 टन वजनी है। ‘चांग 5’ अंतरिक्ष यान को रॉकेट पृथ्वी-चंद्रमा स्थानांतरण कक्षा में जाएगा। यह चांद की सतह से नमूने एकत्र करेगा और पृथ्वी पर लौटकर आएगा।

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‘चांग 5’ (Chang’e 5) चीन के एयरोस्पेस इतिहास में सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण मिशनों में से एक है। साथ ही यह 40 से अधिक सालों में चांद से नमूने एकत्र करने संबंधी दुनिया का पहला अभियान है। चीन का मुख्‍य अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह के नमूने को एक कैप्‍सूल में रखेगा और उसे फिर पृथ्‍वी के लिए रवाना कर देगा।

यह पूरा काम एक रोबोट करेगा। एक रोबोट बांह को चट्टानों और स्कॉलिथ को चंद्र सतह पर स्कूप करने के लिए बढ़ाया जाएगा और एक ड्रिल जमीन में खुदाई करेगी। इस दौरान लगभग दो किलोग्राम नमूनों को अंतरिक्ष यान में एक कंटेनर में एकत्र और सील किए जाने की उम्मीद है। इस पूरे मिशन में कम से कम 23 दिन लग सकता है।

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बता दें कि करीब 4 दशक बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब कोई देश चंद्रमा के सतह की खुदाई करके वहां से चट्टान और म‍िट्टी पृथ्‍वी पर लाने जा रहा है। इस पूरे मिशन को चीन का सबसे महत्‍वाकांक्षी मिशन कहा जा रहा है। चीन  का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो उसकी चंद्रमा के बारे में समझ बढ़ेगी और इससे उसे चंद्रमा पर बस्तियां बसाने में मदद मिलेगी।

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