
Pakistan China friendship II फाइल फोटो।
चीन ने पाकिस्तान (Pakistan) की कमजोर आर्थिक स्थिति के मद्देनजर मेन लाइन–एक रेलवे लाइन परियोजना के लिए 6 अरब डॉलर कर्ज को मंजूरी देने के पहले उससे अतिरिक्त गारंटी मांगी है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने रेल परियोजना को वित्तीय राशि मुहैया कराने के लिए वाणिज्यिक और रियायती‚ दोनों तरह का कर्ज देने का प्रस्ताव रखा है।
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न्यूज पेपर ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक‚ 10 दिन पहले 13 दिसंबर को मेन लाइन–एक रेलवे परियोजना के लिए संयुक्त वित्तीय कमेटी की बैठक में अतिरिक्त गारंटी का मुद्दा उठा। बैठक में शामिल रहे पाक (Pakistan) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चीन ने बातचीत के दौरान अतिरिक्त गारंटी के मुद्दे उठाए‚ लेकिन पाक के साथ शेयर किए गए ब्योरे के मसौदा डॉक्यूमेंट में इसे शामिल नहीं किया गया। दोनों देशों ने कागजातों पर अब तक सिग्नेचर नहीं किए हैं।
मेन लाइन–एक परियोजना के तहत पेशावर से कराची तक 1,872 किलोमीटर रेल मार्ग का दोहरीकरण‚ पटरियों की मरम्मत करने का काम शामिल है और चीन–पाक आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) के दूसरे चरण के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है। अधिकारी ने बताया कि पाक (Pakistan) ने जी–20 देशों से कर्ज राहत के लिए आवेदन किया है। इस कारण से देश की आर्थिक स्थिति को लेकर स्पष्टता के लिए चीन ने अतिरिक्त गारंटी के मुद्दे उठाए।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वित्तीय मुद्दों पर बातचीत के तीसरे चरण में परियोजना के लिए 6 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर और स्थिति स्पष्ट की गई। जी–20 देशों से कर्ज राहत के तहत‚ पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक के प्रारूप के मुताबिक पूर्व की मंजूरी के अलावा‚ ऊंची दरों पर वाणिज्यिक कर्ज नहीं ले सकता।
इस साल‚ अगस्त में राष्ट्रीय आर्थिक परिषद की कार्यकारी समिति (ईसीएनईसी) ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 6.8 अरब डॉलर की लागत से बनने वाली मेन लाइन–एक परियोजना को मंजूरी दी थी। ईसीएनईसी की बैठक महज 20 मिनट तक चल पायी और वित्तीय और तकनीकी मुद्दे नहीं सुलझ पाए। सूत्रों ने कहा है कि पाक (Pakistan) 6 अरब डॉलर की राशि एक प्रतिशत ब्याज दर पर हासिल करना चाहता है जबकि चीन ने वाणिज्यिक और रियायती‚ दोनों श्रेणियों के तहत कर्ज देने की पेशकश की है।
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