अपने दुश्मनों को धमकाने के लिए चीन ने किया ‘एयरक्राफ्ट कैरियर किलर’ मिसाइल का परीक्षण

चीन का ये मिसाइल परीक्षण अमेरिकी विमानवाहकों को निशाना बनाने के लिए विकसित किया गया है जो चीन (China) के साथ संभावित संघर्ष में शामिल हो सकते हैं।

War of 1971

सांकेतिक तस्वीर

चीन (China) की सेना ने दक्षिणी चीन सागर में दो मिसाइलों का परीक्षण किया जिसमें एक “कैरियर मिसाइल” भी शामिल थी। सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि इसे अमेरिकी बलों पर हमले के लिए विकसित किया गया हो सकता है। हांग कांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट समाचार-पत्र ने चीनी सेना के अज्ञात करीबी सूत्रों के हवाले से खबर दी कि डीएफ-26 B और डीएफ-21 D मिसाइलों को दक्षिणी द्वीप प्रांत हैनान और पार्सल द्वीप समूहों के बीच वाले इलाके में दागा गया।

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इस खबर की पुष्टि के आग्रह पर रक्षा मंत्रालय और चीन (China) के विदेश मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। विश्व के सबसे व्यस्त व्यापार मार्गों में से एक, दक्षिण चीन सागर पर नियंत्रण को लेकर बढ़ते विवाद बीजिंग के वाशिंगटन और उसके दक्षिणी पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते में लगातार कड़वाहट पैदा कर रहे हैं।  

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने विवादित क्षेत्र के ज्यादातर हिस्से पर संप्रभुता के बीजिंग के दावों को इस साल खारिज कर दिया था। इसके कुछ हिस्सों पर वियतनाम, फिलीपींस और अन्य देश की सरकारें भी दावा करती हैं। ये परीक्षण चीन (China) की उस शिकायत के बाद हुये हैं जिसमें उसने कहा था कि अमेरिकी U2 जासूसी विमान बीजिंग द्वारा घोषित “नो फ्लाई जोन” में घुस आया था।

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DF-21 का निशाना असामान्य रूप से सटीक होता है और इसे रक्षा एक्सपर्ट “कैरियर किलर” कहते हैं। जिनका मानना है कि इसे उन अमेरिकी विमानवाहकों को निशाना बनाने के लिए विकसित किया गया है जो चीन (China) के साथ संभावित संघर्ष में शामिल हो सकते हैं। बीजिंग ने पिछले दो दशक में मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, परमाणु पनडुब्बियों और अन्य हथियारों को विकसित करने की कोशिश में खूब खर्च किया है ताकि वह अपनी सीमाओं से परे भी अपनी सेना को विस्तार दे सके।

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