भारत के खिलाफ चीन ने फिर चली चाल, जासूसी के लिए हिंद महासागर में तैनात किए अंडरवॉटर ड्रोन्स

भारत पहले ही साफ कर चुका है कि लद्दाख (Ladakh) में अतिक्रमण की साजिश की कोशिश करने वाले चीन को वो जल, थल और नभ तीनों मोर्चों पर मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। लेकिन इसके बावजूद चीन साजिश से बाज नहीं आ रहा है।

China

फाइल फोटो।

चीन (China)  ने हिंद महासागर में सी विंग (हेयी) ग्लाइडर्स नाम से जाने जाने वाले अंडरवॉटर (जल के भीतर) ड्रोन्स (Under Water Drones) का एक बेड़ा तैनात किया है।

चीन (China) एक बार फिर भारत (India) के खिलाफ चाल चलने की कोशिश कर रहा है। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि लद्दाख (Ladakh) में अतिक्रमण की साजिश की कोशिश करने वाले चीन को वो जल, थल और नभ तीनों मोर्चों पर मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। लेकिन इसके बावजूद चीन साजिश से बाज नहीं आ रहा है। इस बार चीन ने भारत के खिलाफ हिंद महासागर में साजिश रची है।

इस बार चीन (China) ने हिंद महासागर में भारत पर जासूसी के लिए अंडरवॉटर ड्रोन तैनात किए हैं। एक अमेरिकी रक्षा विश्लेषक की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रक्षा मामलों के विश्लेषक एचआई सटन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने हिंद महासागर में सी विंग (हेयी) ग्लाइडर्स नाम से जाने जाने वाले अंडरवॉटर (जल के भीतर) ड्रोन्स (Under Water Drones) का एक बेड़ा तैनात किया है। ये न सिर्फ महीनों तक काम कर सकते हैं बल्कि नौसेना की खुफिया मकसद के तहत निगरानी भी कर सकते हैं।

Happy New Year 2021: राष्ट्रपति कोविंद से लेकर पीएम मोदी और राहुल गांधी तक, देश के नेताओं ने इस तरह दीं नए साल की शुभकामनाएं

अपनी रिपोर्ट में विश्लेषक एचआई सटन के मुताबिक, चीन (China) इन ग्लाइडर्स को बड़े स्तर पर तैनात कर रहा है। ये ग्लाइडर्स भूमिगत जल वाहन बेड़े यानि अनक्रूड अंडरवॉटर व्हीकल का ही एक स्वरूप हैं। इन्हें 2019, दिसंबर के मध्य में लॉन्च किया गया था। फरवरी में चीन ने अंडरवॉटर ड्रोन वापस ले लिए थे लेकिन इस दौरान अंडरवॉटर ड्रोन ने 3,400 से ज्यादा जानकारी जुटाई हैं।

खास बात ये कि इन व्हीकल में प्रॉपेलिंग के लिए कोई ईंधन प्रणाली नहीं है। ये बड़े विंग्स के सहारे समुद्र में नीचे ग्लाइड करते रहते हैं। ये तेज नहीं होते लेकिन लंबे मिशन पर काम करने में कारगर साबित होते हैं। संभावना है कि चीन ने खुफिया मकसद के लिए इन ड्रोन्स का इस्तेमाल किया है। चीन के ये ग्लाइडर्स वैसे ही हैं, जैसे अमेरिकी नौसेना ने तैनात किए थे और चीन ने 2016 में इनमें से एक को रास्ते से गुजरने वाले जहाजों के लिए सुरक्षित नेविगेशन सुनिश्चित करने का हवाला देकर जब्त कर लिया था।

ये भी देखें-

रक्षा विशेषज्ञ एचआई सटन ने बताया है कि पिछले साल दिसंबर में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक यह कहा जा रहा था कि चीन ऐसे 14 ग्लाइडर्स हिंद महासागर में छोड़ेगा, लेकिन इनमें से सिर्फ 12 ही इस्तेमाल किए गए। सटन की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंद महासागर में ये चीनी ग्लाइडर्स कथित रूप से समुद्र विज्ञान से जुड़ी जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। लेकिन समुद्र विज्ञान डाटा का इस्तेमाल नौसेना के खुफिया उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है और यही बात चीन के खतरनाक मकसद को लेकर आशंका पैदा करती है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें