फिर चालबाजी की कोशिश कर रहा चीन, पूर्वी लद्दाख में सीमा के पास कर रहा युद्धाभ्यास

पूर्वी लद्दाख (Estern Ladakh) में जारी तनाव को कम करने की कोशिशों के बीच चीन (China) एक बार फिर से चालबाजी की कोशिश कर रहा है। चीन ने एक बार फिर से उकसावे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

China PLA Troops

फाइल फोटो

चीन (China) ने भले ही पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को वापस बुला लिया है, लेकिन उन्होंने एचक्यू -9 और एचक्यू -16 सहित अपने एयर डिफेंस सिस्टम को नहीं हटाया है।

पूर्वी लद्दाख (Estern Ladakh) में जारी तनाव को कम करने की कोशिशों के बीच चीन (China) एक बार फिर से चालबाजी की कोशिश कर रहा है। चीन ने एक बार फिर से उकसावे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पूर्वी लद्दाख में सीमा से सटे इलाकों में उसने अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है। इन इलाकों में वह युद्धाभ्यास कर रहा है।

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से जारी गतिरोध के बीच चीनी वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख के करीब अपने एयरबेस से बड़े हवाई अभ्यास को अंजाम दिया। ये अभ्यास भारतीय क्षेत्र से साफ दिखाई दिया।

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रक्षा सूत्रों का के अनुसार, चीनी सेना के इस अभ्यास में लगभग 21-22 चीनी लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। इनमें मुख्य रूप से जे -11 शामिल थे। इसके अलावा जे-16 विमान भी उड़ान भरते हुए नजर आए। सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना भी पूरी तरह से सतर्क है और चीन की हरकतों पर कड़ी नजर बनाए है।

सूत्रों के मुताबिक इस अभ्यास के दौरान चीनी लड़ाकू विमान अपनी सीमा में ही थे। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए इस अभ्यास को भारतीय क्षेत्र से साफ देखा जा सकता था। चीन (China) ने पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को वापस बुला लिया है, लेकिन उन्होंने एचक्यू -9 और एचक्यू -16 सहित अपने एयर डिफेंस सिस्टम को नहीं हटाया है जो लंबी दूरी पर विमानों को निशाना बना सकते हैं।

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सूत्रों ने कहा कि चीनी लड़ाकू विमान की गतिविधियां होटन, गार गुंसा और काशगर हवाई क्षेत्रों सहित इसके ठिकानों से हुईं, जिन्हें हाल ही में अपग्रेड किया गया है ताकि कंक्रीट संरचनाओं के साथ-साथ सभी प्रकार के लड़ाकू विमानों के संचालन को सक्षम बनाया जा सके ताकि अलग-अलग एयरबेस पर मौजूद लड़ाकू विमानों की संख्या को छिपाया जा सके।

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बता दें कि चीन की हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना ने पिछले साल से सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों और लड़ाकू विमानों की तैनाती कर रखी है। एक साल से भी ज्यादा समय से तनतनी जारी है। दोनों देशों के बीच चले कई दौर की वार्ता के बाद सेनाएं पीछे हटीं और तनाव थोड़ा कम हुई। लेकिन चीन भरोसे के काबिल नहीं है और इसलिए भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहती है।

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