छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित सुकमा में एसपी से मिलने पहुंचे गांव वाले, रखी ये मांग

नक्सली संगठन (Naxal Organization) से जुड़े सौ ग्रामीण 23 अगस्त को जिला मुख्यालय स्थित एसपी के कार्यालय पहुंचे। यहां गांव वालों ने पुलिस रिकॉर्ड से अपना नाम हटाने की मांग की।

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नक्सली संगठन (Naxal Organization) से जुड़े सौ ग्रामीण 23 अगस्त को जिला मुख्यालय स्थित एसपी के कार्यालय पहुंचे। यहां गांव वालों ने पुलिस रिकॉर्ड से अपना नाम हटाने की मांग की।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धुर नक्सल प्रभावित सुकमा (Sukma) जिले की आम जनता को नक्सलियों (Naxalites) की असलियत का पता चल गया है। उन्हें समझ आ गया है कि नक्सली विकास के दुश्मन हैं और मासूम लोगों का हमेशा से फायदा उठाते आए हैं। यही वजह है कि वे अब नक्सलियों का साथ देना नहीं चाहते।

इसीलिए नक्सली संगठन (Naxal Organization) से जुड़े सौ ग्रामीण 23 अगस्त को जिला मुख्यालय स्थित एसपी के कार्यालय पहुंचे। यहां गांव वालों ने पुलिस रिकॉर्ड से अपना नाम हटाने की मांग की। एसपी ने इन ग्रामीणों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है। ये सभी ग्रामीण चिंतलनार के नागाराम पंचायत के रहने वाले हैं। ये सब पहले नक्सली संगठन के लिए काम करते थे और नक्सलियों की मदद करते थे।

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इस वजह से इनका नाम पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। इन गांव वालों का कहना है कि अब हम नक्सली विचारधारा छोड़ चुके हैं। उनके हमारा कोई नाता नहीं है। हम आम लोगों की तरह जीवन यापना कर रहे हैं, इसलिए हमने अपना नाम पुलिस रिकॉर्ड से हटाने की मांग एसपी सुनील शर्मा से की है।

जिले के एसपी सुनील शर्मा के मुताबिक, रक्षाबंधन के बाद ‘पुना नर्कोम अभियान’ को बड़ी सफलता मिली है। विश्व आदिवासी दिवस के दिन ‘पुना नर्कोम अभियान’ की शुरूआत की गई थी। इसका मकसद ऐसे ग्रामीण जो नक्सिलियों के दबाव में आकर उनसे जुड़ गए हैं, उन्हें मुख्यधारा में वापस लाना है। आज सौ ग्रामीणों ने मांग की है कि पहले नक्सलियों के में डर की वजह से गलत रास्ते पर चले गए थे। अब हम समाज की मुख्य धारा में जुड़ने चाहते हैं। आप हमारी इसमें मदद कीजिए।

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एसपी ने कहा कि गांव वालों ने कानूनी सहायता प्रदान करने की बात कही है। इसके अलावा, एसपी ने यह भी बताया कि पता चला है कि अंदरूनी इलाके के 10-15 गांव के ग्रामीण नक्सली विचारधारा (Naxal Organization) छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं।

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