छत्तीसगढ़: मुठभेड़ में मारे गए नक्सली की जेब से मिले पत्र से सामने आया नक्सलियों का असली चेहरा, लिखी थी ये बात

नक्सलियों (Naxalites) की झूठी क्रांति की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल गई है और देश-विदेश में लोग नक्सलियों की आलोचना कर रहे हैं।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर

नक्सलियों (Naxalites) की झूठी क्रांति की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल गई है और देश-विदेश में लोग नक्सलियों की आलोचना कर रहे हैं।

जगदलपुर: नक्सली (Naxalites) अक्सर ग्रामीणों के सामने उनके हक की लड़ाई लड़ने का ढोंग करते हैं, लेकिन अब मुठभेड़ में मारे गए नक्सली की जेब से एक पत्र मिला है, जिसने उनकी हकीकत को पूरी दुनिया के सामने ला दिया है।

नक्सलियों (Naxalites) की झूठी क्रांति की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल गई है और देश-विदेश में लोग नक्सलियों की आलोचना कर रहे हैं।

एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी साप्ताहिक समाचार पत्र ने बुधवार को ट्वीट भी किया, जिसमें लिखा है कि नक्सलियों की मंशा क्या है, यह मुठभेड़ में मारे गए नक्सली की जेब से मिले पत्र से पता चल गया है।

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बता दें कि 27 जून को दंतेवाड़ा के नीलावाया गांव में हुई मुठभेड़ में संतोष मरकाम नाम का नक्सली मारा गया था। ग्रामीण इस मुठभेड़ को फर्जी करार दे रहे थे, लेकिन बाद में दंतेवाड़ा के एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सली की जेब से एक पत्र मिला, जिसमें वसूली व जनअदालत लगाकर सजा देने का जिक्र है। ये पत्र गोंडी भाषा में है। इसमें कहा गया है कि जो भी लेवी का पैसा नहीं दे, उसे जनअदालत लगाकर सजा दो।

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