बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित रेगड़गट्टा गांव में सावित्री रामटेके (Savitri Ramteke) का घर है। बचपन से ही नक्सलियों के आतंकी और अपनी बीमारी की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बीजापुर: आज यानी 21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस (International Yoga Day) मना रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के बीजापुर से भी जनता को प्रेरित करने वाली एक खबर सामने आई है।
बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित रेगड़गट्टा गांव में सावित्री रामटेके ( Savitri Ramteke) का घर है। बचपन से ही नक्सलियों के आतंकी और अपनी बीमारी की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऐसे नकारात्मक माहौल में उन्होंने गायत्री परिवार की दीक्षा ली और एक योग शिविर में हिस्सा लेकर पहली बार योग के महत्व को जाना।
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यहीं से सावित्री की जिंदगी में बदलाव आना शुरू हुआ। योग की वजह से उनकी परेशानियां दूर होने लगीं। उन्होंने हरिद्वार जाकर बाबा रामदेव के शिविर में प्रशिक्षण लिया और फिर बीजापुर लौट आईं।
इसके बाद वह लोगों को योग सिखाने लगीं। 2016 से वह बीजापुर के चारों विकासखंडों में योग का प्रचार कर रही हैं।
योग ने ना केवल सावित्री को रोजगार दिया बल्कि उनके पति को भी ठीक किया। सावित्री की संगत में उनके पति ने भी योग करना शुरू किया और उनकी भी सारी परेशानियां दूर होने लगीं।
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