नक्सलियों का बचना है मुश्किल, लॉन्च हुआ साल का सबसे बड़ा ऑपरेशन

छत्तीसगढ़ पुलिस के एसटीएफ व डीआरजी और सीआरपीएफ के कोबरा जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ इस साल का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है। सुरक्षाबलों के इस प्रहार से बचना नक्सलियों के लिए मुश्किल है।

Operation Prahar

नक्सलियों का बचना है मुश्किल, लॉन्च हुआ 'ऑपरेशन प्रहार'

छत्तीसगढ़ पुलिस के एसटीएफ (STF) व डीआरजी (DRG) और सीआरपीएफ (CRPF) के कोबरा जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ इस साल का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है। सुरक्षाबलों के इस प्रहार से बचना नक्सलियों के लिए मुश्किल है। नक्सलियों के खिलाफ साल के इस सबसे बड़े ऑपरेशन का नाम है ‘ऑपरेशन प्रहार’ (Operation Prahar)।

Operation Prahar
नक्सलियों का बचना है मुश्किल, लॉन्च हुआ ‘ऑपरेशन प्रहार’।

छत्तीसगढ़ पुलिस के एसटीएफ (STF) व डीआरजी (DRG) और सीआरपीएफ (CRPF) के कोबरा जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ इस साल का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है। सुरक्षाबलों के इस प्रहार से बचना नक्सलियों के लिए मुश्किल है। नक्सलियों के खिलाफ साल के इस सबसे बड़े ऑपरेशन का नाम है ‘ऑपरेशन प्रहार’ (Operation Prahar)। इसके अंतर्गत तेलंगाना से महाराष्ट्र बॉर्डर तक घेराबंदी कर एक साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है।

1850 जवान करेंगे नक्सलियों पर प्रहार

छत्तीसगढ़ एसटीएफ-डीआरजी के 1400 और सीआरपीएफ के 450 कोबरा जवान ‘ऑपरेशन प्रहार’ (Operation Prahar) को अंजाम देंगे। इसके तहत एसटीएफ और डीआरजी के जवानों ने तेलंगाना से महाराष्ट्र बॉर्डर तक घेराबंदी कर एक साथ सर्चिंग शुरू की है। किस्टाराम और पामेड़ के बीच का क्षेत्र नक्सलियों का कोर एरिया माना जाता है। इसके अलावा अबूझमाड़ में जवान ऑपरेशन चला रहे हैं। छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया कि 18 फरवरी की शाम से यह ऑपरेशन शुरू किया गया है।

एक महीने तक चली तैयारी

नक्सलियों के खिलाफ इस बड़े ऑपरेशन की तैयारी करीब एक महीने से चल रही थी। डीजीपी डीएम अवस्थी ने इस सिलसिले में बस्तर जिले के सभी पुलिस अधिक्षकों और सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ कई स्तर पर बैठक की। इसके बाद राज्य एसटीएफ और सीआरपीए की कोबरा बटालियन के साथ मिलकर ‘ऑपरेशन प्रहार’ (Operation Prahar) की रणनीति बनी। इस एंटी नक्सल ऑपरेशन से जुड़े अफसरों के मुताबिक, ‘ऑपरेशन प्रहार’ लॉन्च करने से पहले पर्याप्त सूचनाएं जुटाई गईं। इसके बाद सुरक्षाबलों को जंगलों में रवाना किया गया। नक्सलियों को भागने का मौका न मिले इसलिए तेलंगाना से लेकर महाराष्ट्र बॉर्डर तक एक साथ इस ऑपरेशन को शुरू किया गया।

सुकमा में एक नक्सली ढेर

‘ऑपरेशन प्रहार’ (Operation Prahar) के दौरान कुछ स्थानों पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की सूचना भी आई है। जानकारी के मुताबिक, सुकमा के टोंडामरका इलाके में एसटीएफ व डीआरजी के साथ हुई मुठभेड़ में एक नक्सली का शव और हथियार बरामद हुआ है। कई नक्सलियों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। एसटीएफ के एक जवान को भी गोली लगी है। यहां चार घंटे तक मुठभेड़ चली।

नक्सली हिड़मा की मौजूदगी की आशंका

पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि यहां सौ से अधिक वर्दीधारी नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर चिंतागुफा और बुरकापाल कैंप से 600 से अधिक जवानों ने 18 फरवरी शाम ऑपरेशन लांच किया था। इलाके में अब भी सर्चिंग चल रही है। मृत नक्सली की पहचान नहीं हो पाई है। एसपी शलभ के मुताबिक, वर्दीधारी नक्सलियों का नेतृत्व हार्डकोर नक्सली नागेश कर रहा था। अंदेशा है कि नक्सली हिड़मा भी वहां मौजूद था, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है। ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए 20-25 किमी पैदल चलकर जवान तोंडामरका पहुंचे थे।

नारायणपुर में भी मारा गया एक नक्सली

नारायणपुर के पुसपाल इलाके में इकुल गांव के पास एसटीएफ और डीआरजी के साथ अन्य मुठभेड़ में एक नक्सली का शव बरामद हुआ है। कुछ नक्सलियों के घायल होने की सूचना है। सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों के सबसे मजबूत इलाके में जबरदस्त अभियान चलाया जा रहा है, जो अभी जारी है। रणनीति के तहत नक्सलियों के गढ़ पर सीधे हमला किया गया है।

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