छत्तीसगढ़: सड़क निर्माण में लगे वाहनों को नक्सलियों ने किया आग के हवाले

विकास का विरोध करने वाले नक्सली सरकार की योजनाओं को लोगों तक नहीं पहुंचने देने के लिए हमेशा प्रयास करते रहते हैं। स्कूलों और सरकारी भवनों को तोड़ना, शिक्षकों को मारना, बच्चों को स्कूल न जाने के लिए धमकाना इस तरह की कायराना हरकतें नक्सली आए दिन करते रहते हैं।

Naxals

विकास का विरोध करने वाले नक्सली (Naxals) सरकार की योजनाओं को लोगों तक नहीं पहुंचने देने के लिए हमेशा प्रयास करते रहते हैं।

विकास का विरोध करने वाले नक्सली (Naxals) सरकार की योजनाओं को लोगों तक नहीं पहुंचने देने के लिए हमेशा प्रयास करते रहते हैं। स्कूलों और सरकारी भवनों को तोड़ना, शिक्षकों को मारना, बच्चों को स्कूल न जाने के लिए धमकाना इस तरह की कायराना हरकतें नक्सली आए दिन करते रहते हैं।

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नक्सलियों द्वारा आग के हवाले किए गए वाहन।

छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिला मुख्यालय से करीब 37 किमी दूर अबूझमाड़ में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम तक सड़क का निर्माण किया जा रहा था, ताकि बच्चे आश्रम तक सुरक्षित आ जा सकें साथ ही वहां रहने वाले बच्चों को राशन पहुंचाया जा सके। इस सड़क की मरम्मत से आस-पास के करीब 12 गांवों के लोगों को भी राशन और आवागमन की सुविधा मिलती, लेकिन नक्सलियों (Naxals) को यह सड़क निर्मांण नागवार गुजरा। नक्सलियों (Naxals) ने 20 नवंबर को इरकभट्टी नदी के जर्जर सड़क पर मुरूम डाल रहे रामकृष्ण मिशन आश्रम के तीन ट्रैक्टरों को आग के हवाले कर दिया। जानकारी के मुताबिक, पांच दर्जन हथियारबंद नक्सली मौके पर पहुंचे और काम बंद करने की धमकी देते हुए वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

34 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब रामकृष्ण मिशन आश्रम के वाहनों को माओवादियों ने टारगेट किया गया है, जिससे आश्रम प्रबंधन भी सकते में आ गया है। नक्सलियों (Naxals) की इस करतूत का असर अबूझमाड़ के मुख्यमंत्री खाद्यान्न् योजना से जुड़े 12 सौ परिवार के साथ रामकृष्ण मिशन आश्रम के कुतुल, कच्चापाल और इरकभट्टी सेंटर में भविष्य संवार रहे चार सौ माड़िया बच्चों पर भी पड़ सकता है। बरसात के सीजन के बाद जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं होने से इस इलाकों में रसद सप्लाई प्रभावित होने की बात सामने आ रही है। रामकृष्ण मिशन आश्रम प्रबंधन का कहना है कि नक्सलियों (Naxals) की वजह से पीडीएस सिस्टम के साथ आश्रम के तीन केंद्रों में खाने -पीने की सामग्री की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका है।

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जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं होने से राशन पहुंचा पाना मुश्किल होगा। इसके साथ ही कभी भी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं। इससे जान-माल का नुकसान भी हो सकता है। उधर, राज्य के कांकेर जिले के परतापपुर थाना क्षेत्र के नदीचुआं गांव में भी नक्सलियों (Naxals) ने सड़क निर्माण में लगी एक पोकलेन मशीन को आग लगाकर जला दिया। सूचना मिलने पर बीएसएफ और पुलिस बल 21 नवंबर को मौके पर पहुंचा। पुलिस का कहना है कि ठेकेदार पुलिस को सूचना दिए बिना ही संवेदनशील क्षेत्र में सड़क निर्माण करा रहा था। ठेकेदार द्वारा सूचना दी जाती तो पुलिस उसे सुरक्षा उपलब्ध कराती। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बड़े झाड़कट्टा से रामपुर तक सड़क निर्माण कार्य का ठेका ग्लोबल कंस्ट्रक्शन कंपनी कोरबा के ठेकेदार नरेश वर्मा ने लिया है।

इस कार्य को पेटी ठेकेदार अरमान कुमार द्वारा कराया जा रहा है। निर्माणाधीन सड़क पर मेंड्रा के आगे नदीचुआं से पहले रामपुर मार्ग पर पोकलेन से मिट्टी डालने का काम किया जा रहा था। 20 नवंबर की शाम तक काम करने के बाद पोकलेन का डीजल खत्म हो गया तो ठेकेदार ने उसे घटनास्थल पर ही छोड़ दिया और वापस लौट गए। रात में नक्सली घटनास्थल पहुंचे और पोकलेन के नीचे बांस डालकर आग लगा दी। घटनास्थल पर नक्सलियों के पर्चे भी मिले हैं जिसमें घटना की जिम्मेदारी उत्तर बस्तर डिविजनल एरिया कमेटी ने ली है। पोकलेन में आग लगने की सूचना ठेकेदार के कर्मियों को सुबह 7 बजे मिली।

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