छत्तीसगढ: ‘गांव में रहना है तो हर महीने 50 रुपया दो’, नक्सलियों का तुगलकी फरमान

नक्सलियों (Naxals) ने फरमान जारी कर चेतावनी दी है कि यदि गांव में रहना है तो हर महीने 50 रुपया देना होगा। इससे परेशान ग्रामीण पुलिस से गांव के आसपास फोर्स का कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं।

Naxals

छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर के ग्रामीण पुलिस से गांव के आस-पास फोर्स का कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, जंगलों में पार्टी फंड के नाम पर नक्सली ग्रामीणों से रंगदारी वसूल रहे हैं। नक्सलियों (Naxals) ने फरमान जारी कर चेतावनी दी है कि यदि गांव में रहना है तो हर महीने 50 रुपया देना होगा। इससे परेशान ग्रामीण पुलिस से गांव के आसपास फोर्स का कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं।

Naxals

छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर के ग्रामीण पुलिस से गांव के आसपास फोर्स का कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, जंगलों में पार्टी फंड के नाम पर नक्सली ग्रामीणों से रंगदारी वसूल रहे हैं। नक्सलियों (Naxals) ने फरमान जारी कर चेतावनी दी है कि यदि गांव में रहना है तो हर महीने 50 रुपया देना होगा। इससे परेशान ग्रामीण पुलिस से गांव के आसपास फोर्स का कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं। कैंप खुलता है तो आसपास के दस किमी के दायरे में नक्सलियों (Naxals) के अवैध उगाही का यह कारोबार बंद हो जाएगा। यही वजह है कि नक्सली इन इलाकों में खोले जा रहे नए कैंपों का लगातार विरोध कर रहे हैं।

कोंटा ब्लॉक के कुछ गांवों से यह सूचना आई है कि जिन आदिवासियों के पास रोजी-रोटी का जरिया सिर्फ मजदूरी है, उन्हें भी नक्सल पार्टी को हर महीने 50 रुपया रंगदारी देनी पड़ती है। अगर कोई परिवार किसी महीने रंगदारी नहीं दे पाता तो अगले महीने उसे दोगुनी राशि अदा करनी पड़ती है। पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण नक्सलियों (Naxals) को नए कैडर भी नहीं मिल रहे हैं। इसलिए अब वे हर घर से एक लड़के या लड़की को अपने दल में शामिल करने के लिए दबाव बना रहे हैं। पुलिस के पास इन बातों की पुख्ता सूचना है। इसलिए पुलिस लगातार अंदरूनी इलाकों में कैंप खोल रही है। नक्सल इलाकों में ठेकेदार, तेंदूपत्ता खरीदार, बस संचालक, हाट बाजार करने वाले व्यापारी आदि सभी को नक्सली (Naxals) रंगदारी देने के लिए बाध्य करते हैं।

पुलिस भी यह बात जानती है, पर दिक्कत यह है कि जब तक सुरक्षा का इंतजाम न किया जा सके तब तक किसी को परेशान भी नहीं किया जा सकता। इसका एक ही उपाय है कि ऐसे इलाकों तक पुलिस की पहुंच बढ़े। इस संबंध में बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी का कहना है, ‘पार्टी फंड के नाम से नक्सली (Naxals) उगाही करते हैं। जिन जगहों पर फोर्स के कैंप खुल रहे हैं वहां उनका यह कारोबार बंद हो जाता है इसीलिए वे कैंप का विरोध करते हैं। हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। अभी और नए कैंप खुलेंगे। जिन जगहों से इस तरह की शिकायत आ रही है वहां जल्द कैंप खोले जाएंगे।’

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