छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान 27 अक्टूबर, 2018 को बीजापुर के बासागुड़ा मार्ग पर स्थित मुर्दोण्डा कैंप के पास सीआरपीएफ (CRPF) जवानों पर नक्सलियों ने बड़ा हमला किया था।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान 27 अक्टूबर, 2018 को बीजापुर के बासागुड़ा मार्ग पर स्थित मुर्दोण्डा कैंप के पास सीआरपीएफ (CRPF) जवानों पर नक्सलियों ने बड़ा हमला किया था। हमले के एक साल से ज्यादा गुजर जाने के बाद अब यह दावा किया जा रहा है कि नक्सलियों (Naxals) ने इस हमले की समीक्षा की है और एक रिपोर्ट बनाई है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
कथित तौर से इस रिपोर्ट में नक्सलियों की तरफ से कहा गया है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए कुल 97 किलोग्राम बारूद का उपयोग किया गया था। इस पूरी वारदात को 30 नक्सलियों ने मिलकर अंजाम दिया था। इसके लिए लगातार चार दिनों से मुर्दोण्डा कैंप से लेकर बासागुड़ा तक रेकी की जा रही थी। नक्सलियों (Naxals) द्वारा किए गए इस बारूदी हमले में बख्तरबंद वाहन को उड़ाया गया था। नक्सलियों की कथित रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए 23 अक्टूबर की रात को तकरीबन 12:30 बजे 10 माओवादियों ने जिलेटिन और कॉर्डेक्स मिश्रित 97 किलो बारूद बिछा रखा था। उसके बाद 24 से लेकर 26 अक्टूबर तक लगातार जवानों पर नजर रखी गई और कैंप के आसपास रेकी की गई।
घटना के दिन भी सुबह से ही रेकी करने के बाद तकरीबन 3 बजे रेकी करने वाली नक्सली टीम की सूचना पर बारूदी सुरंग बिछाए गए। कथित समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक, घटनास्थल पर सड़क के एक छोर में 30 नक्सलियों (Naxals) द्वारा एंबुश लगाया गया। पैदल गश्त पर निकले जवान वापस कैंप लौट चुके थे। लेकिन उसके बाद 6 जवानों को लेकर कैम्प की ओर वापस जा रहे बख्तरबंद वाहन को नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया था। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में खलल डालने के लिए नक्सलियों (Naxals) ने इस वारदात को अंजाम दिया था। नक्सलियों द्वारा किए गए इस हमले में सीआरपीएफ (CRPF) 168वीं बटालियन के 4 जवान शहीद हो गए थे। हमले में दो जवान घायल भी हुए थे। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले नक्सलियों (Naxals) ने 27 अक्टूबर, 2018 को गश्त पर निकले सीआरपीएफ (CRPF) के 168वीं बटालियन के जवानों पर हमला किया था।
इस हमले में एएसआई मीर मतिउर रहमान, हेड कांस्टेबल बीएम बेहरा, चट्टी प्रवीण और गुल्ली पुल्ली श्रीनू शहीद हो गए थे। वारदात के संबंध में CRPF 168वीं बटालियन के सीओ वीके चौधरी का कहना है, ‘नक्सलियों (Naxals) ने इस खूनी खेल को अंजाम देने के लिए L टाइप बारूदी सुरंग का इस्तेमाल किया था। वारदात को अंजाम देने के लिए पामेड़ इलाके में सक्रिय प्लाटून नंबर 9 के नक्सलियों के साथ ही स्थानीय मिलिशिया के तीन दल भी माओवादियों के एम्बुश में शामिल रहे। इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड प्लाटून नंबर 9 का कमांडर विज्जा था। चौधरी बताते हैं कि विस्फोट के तुरंत बाद घायल एक जवान ने बहादुरी से मोर्चा संभाला। जिसकी वजह से हमारे दो जवानों के साथ ही कुछ हथियार भी बच गए। उनके मुताबिक इस घटना में हथियारबंद नक्सलियों सहित कुल 100 नक्सली शामिल थे।’
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