मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने पहन रखा था बुलेट प्रूफ जैकेट, जवानों ने 8 को किया ढेर

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मुठभेड़ के दौरान नक्सली (Naxalite) बुलेट प्रूफ जैकेट और टोपियां पहन रहे हैं। नक्सली सुरक्षा बलों के जवानों पर हमले में इसका उपयोग भी कर रहे हैं। सुकमा में 19 फरवरी को डीआरजी के जवानों से मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट व टोपियां पहन रखी थी।

Naxali Encounter

सांकेतिक तस्वीर।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मुठभेड़ के दौरान नक्सली (Naxalite) बुलेट प्रूफ जैकेट और टोपियां पहन रहे हैं। नक्सली सुरक्षा बलों के जवानों पर हमले में इसका उपयोग भी कर रहे हैं। सुकमा में 19 फरवरी को डीआरजी के जवानों से मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट व टोपियां पहन रखी थी।

Naxalite
मुठभेड़ के बाद बरामद नक्सलियों के सामान।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मुठभेड़ के दौरान नक्सली (Naxalite) बुलेट प्रूफ जैकेट और टोपियां पहन रहे हैं। नक्सली सुरक्षा बलों के जवानों पर हमले में इसका उपयोग भी कर रहे हैं। सुकमा में 19 फरवरी को डीआरजी के जवानों से मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट व टोपियां पहन रखी थी। यह नक्सली मारे गए अपने साथियों के शवों को उठाने का काम कर रहे थे। मुठभेड़ से लौटने के बाद जवानों ने इसकी जानकारी अफसरों को दी।

नक्सलियों ने पहना था बुलेट प्रूफ जैकेट

ऐसा पहली बार हुआ है जब मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों (Naxalite) को बुलेटप्रुफ जैकेट और हेलमेट में देखा गया है। इतना ही नहीं नक्सलियों ने जवानों पर 600 से ज्यादा यूबीजीएल (UBGL) भी दागे। सुकमा के एएसपी सिद्धार्थ तिवारी (ASP Siddharth Tiwari) के मुताबिक, नक्सली हाईटेक संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। सुकमा के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के तोंडामरका इलाके में डीआरजी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी।

काफी देर चली मुठभेड़ के बाद जब जवान वापस लौट रहे थे तो फिर से नक्सलियों ने उनपर हमला कर दिया था। हमले के दौरान नक्सलियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखे थे। बता दें कि सुकमा में 19 फरवरी को लगातार दूसरे दिन नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी। इससे पहले 18 फरवरी को किस्टाराम क्षेत्र के जंगलों में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी।

जारी है ‘ऑपरेशन प्रहार’

बता दें कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalite) के खिलाफ सुरक्षा बल के जवान ऑपरेशन प्रहार चला रहे हैं। ऑपरेशन प्रहार इस साल का पहला सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान है। यह अभियान 19 फरवरी से शुरू किया गया है। अभियान के पहले दिन सुरक्षा बलों ने सुकमा और नारायणपुर जिले के जंगलों में मुठभेड़ के दौरान दो नक्सलियों को मार गिराया था। तेलंगाना की सीमा से लेकर महाराष्ट्र की सीमा तक एक साथ चलाए जा रहे इस अभियान में एसटीएफ व डीआरजी के लगभग 1400 जवान और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के 450 जवान शामिल हैं।

मारे गए 8 नक्सली

जानकारी के अनुसार, करीब तीस घंटे तक सुकमा के जंगलों में चले इस ऑपरेशन के दौरान ग्रामीणों को नक्सलियों (Naxalite) ने अपनी ढाल बना रखा था। वे दूसरी ओर से लगातार फायरिंग कर रहे थे। जवानों ने इस दौरान पूरी सूझबूझ व हिम्मत दिखाई। जवानों मुठभेड़ के पहले ही यह सुनिश्चित कर लिया गया था कि किसी ग्रामीण को कुछ न हो। जवानों ने पूरी सतर्कता के साथ ग्रामीणों को बिना किसी नुकसान के नक्सलियों को निशाना बनाया।

बताया जा रहा है कि सुकमा जिले के कसालपाड़ के जंगलों में करीब ढ़ाई घंटे तक मुठभेड़ चली और इस दौरान नक्सलियों (Naxalite) ने जवानों पर 650 एचई दागे। नक्सलियों ने यहां एंबुश लगा रखा था, फिर भी जवानों ने इसे तोड़ते हुए नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। मुठभेड़ के बाद जिला मुख्यालय सुकमा में प्रेसवार्ता के दौरान नक्सल ऑपरेशन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि इस मुठभेड़ में कम से कम आठ नक्सली मारे गए हैं। 

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