नक्सल प्रभावित इलाके में मुश्किल परिस्थितियों के बीच जवानों ने महिला का कराया प्रसव, जच्चा-बच्चा सुरक्षित

छत्तीसगढ़ के नक्सल (Naxal) प्रभावित नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने मानवता की मिसाल कायम किया है। अबूझमाड़ की गर्भवती महिला को जंगल में सुरक्षित प्रसव करवाकर सोनपुर कैम्प के पुलिस और आइटीबीपी के जवानों ने ग्रामीणों का दिल जीत लिया है।

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छत्तीसगढ़ के नक्सल (Naxal) प्रभावित नारायणपुर जिले में पुलिस और सुरक्षाबलों ने दो जिंदगियां बचाकर मानवता की मिसाल कायम किया है।

छत्तीसगढ़ के नक्सल (Naxal) प्रभावित नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने मानवता की मिसाल कायम की है। अबूझमाड़ की गर्भवती महिला को जंगल में सुरक्षित प्रसव करवाकर सोनपुर कैम्प के पुलिस और आइटीबीपी के जवानों ने ग्रामीणों का दिल जीत लिया है। प्रसव के दौरान कपड़े की जरूरत पड़ने पर जवानों में से किसी ने अपना टी शर्ट तो किसी ने अपना गमछा और रूमाल देकर सफल प्रसव कराने में सहयोग किया। महिला ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

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मुश्किल परिस्थितियों के बीच जवानों ने महिला का कराया प्रसव, जच्चा-बच्चा सुरक्षित।

सोनपुर कैम्प प्रभारी हरिनाथ रावत के अनुसार, 27 नवंबर की दोपहर लगभग 12.30 बजे ऐहनार गांव के रहने वाले सोनारु नुरेटी ने पुलिस कैम्प सोनपुर आकर बताया कि उनके छोटे भाई की पत्नी सुकनी बाई गर्भवती हैं। वह बीती रात से प्रसव पीड़ा से कराह रही हैं। ऐहनार गांव कैम्प सोनपुर से लगभग सात किलोमीटर दूर अति संवेदनशील नक्सल (Naxal) प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में पहाड़ियों और घने जंगल में स्थित है। वहां तक पहुंचने का रास्ता बरसात में पूरी तरह खराब होने और जगह-जगह पेड़ गिरे होने की वजह से चारपहिया वाहन गांव तक नहीं पहुंच सकता। ऊपर से नक्सलियों (Naxal) का खौफ अलग।

सोनारु से कहा गया कि गांव जाकर गर्भवती महिला को तुरंत किसी भी साधन से सोनपुर कैम्प तक लेकर आएं। जहां से उसे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। लगभग एक घंटे बाद गर्भवती महिला के परिजनों ने कैम्प आकर बताया कि गांव से 6 किलोमीटर दूर तक कावड़ में लाने के बाद महिला की स्थिति बहुत नाजुक हो गई। इसलिए वे लोग गर्भवती महिला को बेलगर नाला के पास लेकर आए हैं। अधिक प्रसव पीड़ा होने की वजह से गर्भवती को यहां तक नहीं ला पाए।

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परिजनों ने बताया कि साथ में आई अन्य महिलाएं वहीं जंगल में प्रसव करा रही हैं। कैम्प प्रभारी हरिनाथ रावत के अनुसार, पूरी खबर सुनने के बाद गर्भवती महिला को किसी तरह कैम्प तक लाने के लिए आईटीबीपी (ITBP) के इंस्पेक्टर प्रमोद तिवारी, स्ट्रेचर, कैम्प के मेडिकल स्टाफ और पर्याप्त सुरक्षा बल को ग्रामीणों के साथ लेकर रवाना हुए। किसी तरह जवान बेलगर नाला के पास पहुंचे। एसआई रावत के अनुसार, वहां का दृश्य दिल को झकझोर देने वाला था। नाला के किनारे झाड़ियों में दो ग्रामीण महिलाएं गर्भवती महिला का प्रसव कराने का प्रयास कर रही थीं। उनके पास न तो बिछाने के लिए कुछ था और न ही प्रसव कराने में लगने वाला जरूरत का कोई सामान।

आईटीबीपी के मेडिकल स्टाफ ने तत्काल प्रसव करवा रहीं महिलाओं का सहयोग किया। जवानों के ग्राउंड शीट, कंबल एवं सीमित सामानों के साथ महिला का विपरित और कठिन परिस्थिति में भी सुरक्षित और सफल प्रसव कराया गया। सुरक्षित प्रसव के बाद देर शाम जवानों ने महिला चिकित्सा कर्मियों के साथ जच्चा-बच्चा और परिजनों को रामकृष्ण मिशन आश्रम कुंदला रवाना कर दिया। पुलिस कैम्प सोनपुर के जवानों ने अपने कर्तव्यों के अलावा मानव धर्म का पालन करते हुए दो जिंदगियां बचाईं। पुलिस की ऐसी संवेदनशीलता को देखकर गांव वाले नक्सलियों (Naxal) के इस गढ़ में खाकी वर्दी वालों को सलाम कर रहे हैं।

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