छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने फेंके पर्चे, बीजेपी और आरएसएस नेताओं को दी धमकी

दादू धार्मिक कार्यों में सक्रिय थे इसलिए उन्होंने इलाके में कई मंदिर भी बनवाए थे। नक्सलियों ने कई बार इन्हें हिदायत दी थी कि वह सुरक्षाबल से मेलजोल न करें। उनके न मानने पर नक्सलियों ने उन्हें टारगेट किया।

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बड़गांव में नक्सलियों ने 4 सितंबर की रात पर्चे फेंक कर भाजपा और आरएसएस नेताओं को चेतावनी दी है।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बड़गांव में नक्सलियों ने 4 सितंबर की रात पर्चे फेंक कर भाजपा और आरएसएस नेताओं को चेतावनी दी है। हालांकि, उनके इस पर्चे में इलाके के किसी भाजपा नेता या आरएसएस कार्यकर्ता के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है। लेकिन इसे लेकर इलाके में दहशत का माहौल है। सूचना मिलने पर पुलिस ने उक्त पर्चों को जब्त कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, बड़गांव के मटन मार्केट में नक्सलियों ने ये प्रिंटेड पर्चे फेंके हैं। ये पर्चे उत्तर बस्तर डिविजन कमेटी की ओर से फेंके गए हैं। साथ ही इस पर्चे के माध्यम से नक्सलियों ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने का विरोध किया है।

बता दें कि इसके पूर्व भी नक्सली लगातार कश्मीर मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर इलाके में बैनर लगाने और पर्चे फेंक अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश रहे हैं। इस पर्चे में हाल ही में कोंडे में आरएसएस कार्यकर्ता दादू सिंह कोटरिया की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा गया है कि आरएसएस कार्यकर्ता को जनअदालत लगाकर मौत की सजा दी गई है। गौरतलब है कि कांकेर में नक्सलियों ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के एक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने 27 अगस्त की रात करीब साढ़े 10 बजे पूर्व सरपंच और आरएसएस कार्यकर्ता दादू सिंह कोटरिया की हत्या कर दी थी।

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नक्सलियों ने आरएसएस कार्यकर्ता को घर से बाहर बुलाया और फिर उन्हें गोली मार दी। यह मामला दुर्गकोंदल थानाक्षेत्र के कोंडे गांव का है। एक साल पहले भी दादू सिंह को मारने का प्रयास किया गया था, जिसमें हत्यारे असफल रहे थे। दादू सिंह बीई मैकेनिकल इंजीनियर थे। बताया जा रहा है कि दादू सिंह कोटरिया आरएसएस कार्यकर्ता होने के साथ-साथ धार्मिक कार्यों में भी काफी सक्रिय थे। वह भानुमप्रतापपुर से लगे संभलपुर के पूर्व सरपंच रह चुके हैं। दादू सिंह मुख्य रूप से संभलपुर के निवासी थे। वे कोंडे गांव में अपनी पत्नी के साथ रहते थे।

दादू सिंह की पत्नी कोड़े में नर्स हैं। दादू धार्मिक कार्यों में सक्रिय थे इसलिए उन्होंने इलाके में कई मंदिर भी बनवाए थे। नक्सलियों ने कई बार इन्हें हिदायत दी थी कि वह सुरक्षाबल से मेलजोल न करें। उनके न मानने पर नक्सलियों ने उन्हें टारगेट किया। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, मृतक दादूसिंह को कुछ लोगों ने आवाज देकर घर से बाहर बुलाया और उसपर गोलियां बरसा दी। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। उस वक्त दादूसिंह की पत्नी भी घर में ही मौजूद थीं।

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