छत्तीसगढ़: ग्रामीणों के लिए काल साबित हो रही इंद्रावती नदी, एक तरफ नक्सलियों का खतरा तो दूसरी तरफ….

छत्तीसगढ़ के बस्तर में बहने वाली इंद्रावती नदी को पार करने में ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

Indravati river

दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सरहद पर स्थित इंद्रावती नदी (Indravati River) के सतवा घाट पर नाव पलटने की वजह से सबसे ज्यादा हादसे होते हैं, लेकिन कोई सार्थक कदम नहीं अब तक नहीं उठाया गया है।

बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में बहने वाली इंद्रावती नदी (Indravati River) को पार करने में ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन ग्रामीणों की ये मजबूरी है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद उन्हें ऐसा करना पड़ता है।

मानसून में ये समस्या ज्यादा बढ़ जाती है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया है।

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दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सरहद पर स्थित इंद्रावती नदी (Indravati River) के सतवा घाट पर नाव पलटने की वजह से सबसे ज्यादा हादसे होते हैं, लेकिन कोई सार्थक कदम नहीं अब तक नहीं उठाया गया है।

ग्रामीणों की मजबूरी ये है कि रोजमर्रा की जरूरत का सामान खरीदने के लिए उन्हें यही नदी पार करके जाना पड़ता है। नाम ना छापने की शर्त पर ग्रामीण बताते हैं कि अगर हम प्रशासन से मोटर बोट की मदद मांगेंगे तो नक्सली हमें मार देंगे और बारिश में अगर हमने लकड़ी की नाव से इस नदी को पार किया तो डूब कर मर जाएंगे। यानी दोनों तरफ से मौत निश्चित है।

बता दें कि इंद्रावती नदी के आस-पास का इलाका नक्सलियों का गढ़ है। इसलिए कोई भी ग्रामीण यहां नक्सलियों की दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहता।

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