छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित इलाकों के स्कूलों के लिए सरकार की नई पहल

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल (Naxal) ग्रस्त इलाकों में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार एक नई पहल करने जा रही है। इसके तहत छात्रों को वीडियो के माध्यम से पढ़ाया जाएगा।

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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल (Naxal) ग्रस्त इलाकों में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार एक नई पहल करने जा रही है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल (Naxal) ग्रस्त इलाकों में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार एक नई पहल करने जा रही है। इसके तहत छात्रों को वीडियो के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। दरअसल, प्रदेश के कई दुर्गम और नक्सल (Naxal) प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षक उपलब्ध कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।

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छत्तीसगढ़ के स्कूलों में छात्रों को वीडियो के माध्यम से पढ़ाया जाएगा।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल (Naxal) ग्रस्त इलाकों में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार एक नई पहल करने जा रही है। इसके तहत छात्रों को वीडियो के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। दरअसल, प्रदेश के कई दुर्गम और नक्सल (Naxal) प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षक उपलब्ध कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में शिक्षकों के आभाव में छात्रों की पढ़ाई पर असर न पड़े इसलिए सरकार यह नया प्रयोग करने जा रही है। इस पहल के तहत 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाया जाएगा।

इसमें हर विषय से संबंधित 5-6 मिनट के वीडियो के जरिए छात्रों तक विषय की जानकारी पहुंचाई जाएगी। यह कॉन्सेप्ट ऑनलाइन क्लासेस की तरह होगा। जिसमें राजधानी रायपुर के अनुभवी शिक्षक और विषय विशेषज्ञ अपने-अपने विषय से संबंधित वीडियो नोट्स तैयार करेंगे। ये वीडियो नोट्स दूर-दराज के गांवों में पढ़ रहे छात्रों तक पहुंचाया जाएगा। बताया जा रहा है कि जरुरत पड़ने पर प्रदेश के बाहर के विषय विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी। इस प्रोजेक्ट में हायर सेकेंडरी कक्षाओं को शामिल किया गया है।

इसमें 10वीं और 12वीं की बोर्ड कक्षाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, इस योजना को पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लाया जाएगा। अगर प्रोजेक्ट सफल रहा तो राज्य के बाकी स्कूलों में भी इसे लागू किया जाएगा। जिन 6 स्कूलों का पायलट प्रोजेक्ट के लिए चयन किया गया है, उनमें शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल चांपा, बलौदाबाजार, नवापारा, सेल, बारना, खरोना और खौना के स्कूल शामिल हैं। उम्मीद है कि सरकार के इस पहल से नक्सल प्रभावित इलाकों के छात्र-छात्रओं को काफी फायदा मिलेगा। 

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