छत्तीसगढ़: नारायणपुर में नक्सली संगठन की खोखली विचारधारा से तंग आकर 4 नक्सलियों ने किया सरेंडर

सरेंडर करने वाले मिलिशिया सदस्य नक्सलियों धुरबेड़ा निवासी कमलू ध्रुवा, मालू ध्रुवा, गट्टाकाल निवासी राकेश उसेण्डी और गोमागाल डेंगलपुट्टीपारा निवासी हिड़मे कवाची शामिल हैं।

Naxalites

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे नक्सल विरोधी अभियान और पुनर्वास नीति का लगातार सकारात्मक परिणाम नजर आ रहा है। लोन वर्राटू अभियान के कारण नक्सल संगठन में कार्यरत पीड़ित सदस्य लगातार उस आतंक की दलदल से निकलकर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। इसी कड़ी में नारायणपुर जिले में भी पुलिस अधिक्षक के समझ एक महिला सहित 4 नक्सलियों (Naxalites) ने संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण किया है।

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एसपी मोहित गर्ग के सामने बिना हथियार सरेंडर करने वाले मिलिशिया सदस्य नक्सलियों धुरबेड़ा निवासी कमलू ध्रुवा, मालू ध्रुवा, गट्टाकाल निवासी राकेश उसेण्डी और गोमागाल डेंगलपुट्टीपारा निवासी हिड़मे कवाची शामिल हैं।

पुलिस के अनुसार, सरेंडर करने वाले ये सभी नक्सली संगठन में नक्सलियों (Naxalites) के लिए भोजन की व्यवस्था करना, गांव में अंजान व्यक्तियों के आने पर उनसे पूछताछ व उनकी निगरानी करना, नक्सली साहित्य व पोस्टर पंफलेट चिपकाना, ग्रामीणों को नक्सली मीटिंग में उपस्थित होने की सूचना देना, बाजारों से दैनिक उपयोग की सामग्री खरीदकर नक्सलियों (Naxalites) तक पहुंचाना शामिल था।

इसके अलावा इन नक्सलियों से पुलिस पार्टी की रेकी, नक्सलियों (Naxalites) के अस्थायी कैम्प में पहरेदारी और गांव के चारों ओर दिन के समय पेट्रोलिंग करने जैसे कार्य भी करवाया जाता था। इस दौरान इन नक्सलियों ने संगठन की खोखली विचारधारा को समझा और इससे परेशान होकर पुलिस के सामने सरेंडर करना ही मुनासिब समझा।

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