संतोष भवरी
बीजापुर के जिला हॉस्पिटल में चर्म रोग विशेषज्ञ और कुष्ठ रोग निवारण के नोडल अधिकारी संतोष भवरी का संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में चयन हुआ है।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Affected Areas) में गोली-बारूद के बीच भी युवा लगातार आगे बढ़ रहे हैं। वे हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रहे हैं और लाल आतंक (Red Terror) के दहशत के बीच कामयाबी की इबारत लिख रहे हैं। इन क्षेत्रों के युवा अब शिक्षा की राह पर आगे बढ़ रहे हैं और अपनी तकदीर खुद लिख रहे हैं।
इसी कड़ी में बीजापुर में तैनात एक डॉक्टर का संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में चयन हुआ है। बीजापुर के जिला हॉस्पिटल में चर्म रोग विशेषज्ञ और कुष्ठ रोग निवारण के नोडल अधिकारी संतोष भवरी का संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में चयन हुआ है। संतोष का संघ लोक सेवा आयोग में 6वां प्रयास था।
इससे पहले वह तीन बार यूपीएससी के इंटरव्यू तक पहुंचे हैं। संतोष को यूपीएससी की 607वीं रैंक हासिल हुई है। जिसके आधार पर उनका चयन आईआरएस में होना तय है। लेकिन संतोष IAS बनना चाहते हैं। इसलिए वह आगे भी अपना प्रयास जारी रखेंगे।
संतोष आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के छोटे से गांव कंडियम के रहने वाले हैं। वह बताते हैं कि गरीब परिवार से होने के चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कम संसाधनों के बीच पढ़ाई की है।
संतोष ने बताया कि आज भी उनके गांव तक पक्की सड़क भी नहीं है। लेकिन गांव, ब्लॉक और जिले के साथ देश की सेवा करना उनका सपना है। संतोष का कहना है कि नक्सल विचारधारा को छोड़ने में शिक्षा ही अहं भूमका निभा सकती है। शिक्षा ही नक्सलवाद को खत्म कर सकती है।
बता दें कि संतोष से पहले बीजापुर जिले के ही अजय मोडियम का चयन CGPSC में हुआ था। अजय मोडियम ने अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की थी।
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अजय ने पहले ही प्रयास में ओवर आल छत्तीसगढ़ में 98 वीं और ST रैंक में पहला स्थान मिला है, जिसके बाद अजय मोडियम का डिप्टी कलेक्टर बनना तय हो चुका है। अजय से पहले उसूर क्षेत्र से ही प्रीति दुर्गम, हिमांशु दुर्गम, सत्येंद्र के जी और अर्चना दुर्गम छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से चयनित हुए हैं।
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