
दंतेवाड़ा के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव। (फाइल फोटो)
दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले के कुछ जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी नक्सलियों (Naxalites) के निशाने पर हैं। नक्सलियों द्वारा जिले के कुछ जनप्रतिनिधियों और आला अफसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए रेकी करने की सूचना मिल रही है।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लाल आतंक का गढ़ कहे जाने वाले बस्तर (Bastar) में नक्सलियों (Naxals) की काली करतूतों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन और सुरक्षाबलों ने जबरदस्त अभियान चला रखा है। इससे नक्सलियों की साख लगातार कमजोर हो रही है। नक्सलवाद (Naxalism) के खिलाफ की जा रही सख्त कार्रवाई से नक्सली बौखला गए हैं।
संभाग के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले के कुछ जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी नक्सलियों (Naxalites) के निशाने पर हैं। नक्सलियों द्वारा जिले के कुछ जनप्रतिनिधियों और आला अफसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए रेकी करने की सूचना मिल रही है। इस सूचना के आधार पर दंतेवाड़ा कलेक्टेरियट की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
हालांकि, आदिवासी समाज के विरोध के बाद परिसर में तैनात सुरक्षाबलों और चेक पोस्ट्स को हटा दिया गया है। लेकिन अब कलेक्टोरेट परिसर की निगरानी के लिए गुप्तचर, सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया जा रहा है। कलेक्टेरियट भवन पर कई जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। कुछ ड्रोन कैमरे परिसर में भी उड़ाए जा रहे हैं।
परिसर में प्रवेश के दौरान जांच प्रक्रिया को हटा लिया गया है, लेकिन कलेक्टोरेट परिसर के तीन महत्वपूर्ण अधिकारी कलेक्टर, जिला पंचायत सीइओ और एसडीएम के चैंबर में जाने वालों की जांच होगी। यहां आने वालों को अपना परिचय और आने की वजह बतानी होगी। इसके बाद ही आगंतुक संबंधित अधिकारी से मुलाकात कर सकेंगे।
ये भी देखें-
दंतेवाड़ा (Dantewada) के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के मुताबिक, कलेक्टेरियट परिसर में पांच लाख रुपये के इनामी नक्सली द्वारा रेकी किए जाने की सूचना के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, लेकिन लोगों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखकर इसमें बदलाव किया गया है। अब ड्रोन, सीसीटीवी कैमरों और गुप्तचरों के माध्यम से नजर रखी जा रही है।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App