छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के कटेकल्याण इलाके में 13 जनवरी की रात नक्सलियों (Naxals) ने एक ग्रामीण युवक की हत्या कर दी।
छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के कटेकल्याण इलाके में 13 जनवरी की रात नक्सलियों (Naxals) ने एक ग्रामीण युवक की हत्या कर दी। मारे गए युवक का नाम लक्ष्मण है। शव के साथ नक्सलियों ने पर्चा भी फेंका है, जिसमें उसे पुलिस का मुखबिर बताया गया है। इलाके में एक मुठभेड़ के दौरान नक्सली नेता वर्गीस और लिंगा मारे गए थे, इसकी वजह नक्सलियों ने इस युवक लक्ष्मण की मुखबिरी बताई है।
छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के कटेकल्याण इलाके में 13 जनवरी की रात नक्सलियों (Naxals) ने एक ग्रामीण युवक की हत्या कर दी। मारे गए युवक का नाम लक्ष्मण है। उसका बड़ा भाई बामन नक्सली था और कुछ समय पहले ही उसने सरेंडर किया था। लक्ष्मण के शव के साथ नक्सलियों ने पर्चा भी फेंका है, जिसमें उसे पुलिस का मुखबिर बताया गया है। इलाके में एक मुठभेड़ के दौरान नक्सली नेता वर्गीस और लिंगा मारे गए थे, इसकी वजह नक्सलियों ने इस युवक लक्ष्मण की मुखबिरी बताई है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार, कटेकल्याण थाना क्षेत्र के दुवालीकरका निवासी लक्ष्मण की नक्सलियों (Naxals) ने 13 जनवरी की रात धारदार हथियार से हत्या कर दी। हत्या के बाद नक्सलियों ने शव गांव के पास ही सड़क किनारे फेंका गया। सुबह ग्रामीण और राहगिरों ने शव देखकर परिजन और पुलिस को सूचना दी। मौके पर मिले हस्तलिखित नक्सली पर्चे के मुताबिक, लक्ष्मण मंडावी, पुलिस के लिए मुखबिरी करता हैं और उसकी मुखबिरी की वजह से अप्रैल महीने में हुए मुठभेड़ में नक्सली नेता वर्गीस और लिंगा मारे गए थे। इसके बाद लक्ष्मण नक्सलियों (Naxals) के टारगेट में था। बताया जा रहा है कि लक्ष्मण मोबाइल रखता था। इसलिए नक्सलियों को उस पर मुखबिरी का शक था।
गांव वालों का कहना है कि 13 जनवरी को लक्ष्मण मवेशी चराने पास के जंगल में गया था। तभी नक्सली पकड़कर उसे अपने साथ ले गए थे। हत्या के बाद शव सड़क किनारे मिला है। इधर, किरंदुल एसडीओपी देवांश राठौर में हत्या की पुष्टि करते कहा कि मौके से मिले पत्र की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की हर बिंदु से जांच की जाएगी। बता दें कि राज्य में होने वाले वाले पंचायत चुनावों का नक्सलियों (Naxals) ने बहिष्कार किया है। चुनावों में दहशत फैलाने के लिए नक्सलियों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। हालांकि पुलिस और सुरक्षाबल पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।
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