Chhattisgarh: दंतेवाड़ा में बैकफुट पर नक्सली, टूट चुकी है 2 सबसे अहम एरिया कमेटी की कमर

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार की जा रही कार्रवाई का नतीजा है कि आज दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में नक्सलियों (Naxalites) के पांव यहां से लगभग उखड़ चुके हैं।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर

दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में इस अभियान के तहत अब तक 400 से अधिक नक्सली (Naxalites) अत्मसमर्पण (Surrender) कर चुके हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 100 से अधिक इनामी नक्सली हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार की जा रही कार्रवाई का नतीजा है कि आज दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में नक्सलियों (Naxalites) के पांव यहां से लगभग उखड़ चुके हैं। दरभा डिवीजन कमेटी की दो सबसे अहम एरिया कमेटी अब टूट चुकी हैं।

दंतेवाड़ा (Dantewada) में चलाए जा रहे ‘लोन वर्राटू अभियान’ (घर वापसी अभियान) के तहत जिले में मलंगिर एरिया कमेटी और कटेकल्याण एरिया कमेटी के नक्सलियों का समर्पण जारी है।

जानकारी के अनुसार, जिले में इस अभियान के तहत अब तक 400 से अधिक नक्सली (Naxalites) अत्मसमर्पण (Surrender) कर चुके हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 100 से अधिक इनामी नक्सली हैं।

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बता दें कि दरभा डिवीजन कमेटी की ये दो एरिया कमेटियां दंतेवाड़ा जिले में अब तक कई बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम दे चुकी है। मैलेवाड़ा में हुए ब्लास्ट जिसमें सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे, मदाडी ब्लास्ट जिसमें सात जवान शहीद हुए थे, चोलनार ब्लास्ट जिसमें पांच जवान शहीद, निलावाया वारदात जिसमें चार जवान शहीद हुए थे। इन सभी हमलों में इन्हीं दो एरिया कमेटियों का हाथ था।

इसके अलावा, दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर बड़ा हमला हुआ था। इसके पीछे भी मलंगिर और कटेकल्याण एरिया कमेटी का हाथ रहा है। इन दोनों एरिया कमेटी के नक्सली दंतेवाड़ा में अब तक सैकड़ों वाहनों में आगजनी कर चुके हैं।

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जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान में महिला कमांडो दंतेश्वरी फाइटर्स, डीआरजी टीम सहित नक्सल क्षेत्र में कैंप खोल देने से नक्सली दंतेवाड़ा में बैक फुट पर आ गए हैं। नए कैंप खोलने की भी तैयारी का जा रही है। नए कैंप नक्सल गढ़ों में खुलेंगे, जिससे नक्सलियों पर दबाव बनेगा और बड़े नक्सली लीडर भी सरेंडर करने को मजबूर होंगे।

नक्सलियों की कमर तोड़ने के लिए पुलिस ने नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत चलाए जा रहे समर्पण और एंटी नक्सल ऑपरेशन के साथ-साथ जिले में विकास कार्यों में भी तेजी आई है। साथ ही दंतेवाड़ा में सरेंडर कर चुके नक्सलियों के लिए हब बनाया जा रहा है। इसके अलावा, मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों को मताधिकार, राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड बनाकर नई पहचान दी जा रही है।

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दंतेवाड़ा में 28 जून से ‘लोन वर्राटू अभियान’ शुरू हुआ था। इस अभियान के तहत इनामी और गैर इनामी नक्सलियों को पहचान कर गांव-गांव में नक्सलियों की सूची चस्पा की गई थी। जिसका असर देखने को मिल रहा है। समर्पण करने वाले नक्सली कहीं फिर से भटक न जाएं, इसके लिए भी पुलिस लाइन कारली में व्यवस्था की जा रही है।

यहां करीब 25 एकड़ में सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Naxalites) के लिए लोन वर्राटू हब तैयार किया जा रहा है। यहां करीब 40 घर बनाए जा रहें है। यहां समर्पित नक्सलियों के बच्चों के पढ़ने के लिए स्कूल आंगनबाड़ी भी बनाए जएंगे।

वहीं, समर्पित महिला नक्सली सहित समर्पण करने वाले नक्सलियों की पत्नियों को भी स्वयं सहायता समूह से जोड़कर रोजगार देने की व्यवस्था भी की जा रही है। इन सबका असर भी जल्दी ही देखने को मिलेगा, जब इलाके से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

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दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव का कहना है, “कटेकल्याण एरिया कमेटी खत्म हो चुकी है, जो नक्सली बचे है वे भी कुन्ना, डब्बा सुकमा चले गए हैं। मलंगिर एरिया कमेटी पूर्वी और पश्चमी कमेटी में किरंदुल थाना क्षेत्र के गांव गुमियापाल, हिरोली से नक्सली भाग चुके हैं। अरनपुर थाना क्षेत्र में कुछ महिला नक्सली बिना वर्दी खाली हाथ घूम रही हैं। विनोद के मरने के बाद उसका प्रभार हो सकता है सोमडू को दिया गया हो। सोमडु पहले मलंगिर एरिया में सचिव था। जल्द फिर से ऑपरेशन लांच किए जाएंगे।”

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