छत्तीसगढ़: गर्भवती को कंधों पर लादकर 6 किलोमीटर तक पैदल चले CRPF जवान, वक्त पर पहुंचाया अस्पताल

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। जवानों ने प्रसव पीड़ा से कराहती एक आदिवासी गर्भवती महिला को चारपाई पर बैठाकर छह किलोमीटर पैदल सफर करते हुए अस्पताल पहुंचाया।

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। जवानों ने प्रसव पीड़ा से कराहती एक आदिवासी गर्भवती महिला को चारपाई पर बैठाकर छह किलोमीटर पैदल सफर करते हुए अस्पताल पहुंचाया।

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गर्भवती को कंधों पर लादकर 6 किलोमीटर तक पैदल चले CRPF के जवान।

वाहन की सुविधा नहीं होने के कारण जवानों ने गर्भवती महिला को कंधे पर उठाया और 6 किलोमीटर का रास्ता तय कर एंबुलेंस तक पहुंचाया। वहां से महिला को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। यह घटना 21 जनवरी की है। सीआरपीएफ (CRPF) के अधिकारियों के मुताबिक, CRPF की 85 वीं बटालियन का दल जिले के पदेड़ा गांव के पास नक्सल विरोधी ऑपरेशन पर था। इसी दौरान जब एक स्कूली छात्र ने गर्भवती महिला के संबंध में जानकारी दी। जानकारी मिलते ही दल के कंपनी कमांडर जवानों के साथ गांव के गायतापारा स्थित महिला बूधी हपका के घर पहुंचे।

कमांडर के साथ प्राथमिक उपचार करने वाला दल भी था। महिला को तुरंत चिकित्सा सहायता की जरूरत थी। पदेड़ा गांव घने जंगलों और पहाड़ों के बीच है, इसलिए वहां एंबुलेंस का पहुंचना मुश्किल है। तब सुरक्षाबलों ने बिना देर किए चारपाई एवं बल्ली की सहायता से स्ट्रेचर बनाकर उसमें महिला को बिठा दिया। CRPF के जवानों ने महिला को जल्द चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए उसे अपने कंधे पर लेकर लगभग छह किलोमीटर का रास्ता पैदल तय किया। टीम के जवान वाहन चलने योग्य रास्ते पर पहुंचे, जहां पहले से ही एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी। उसके बाद महिला को जिला अस्पताल भेजा गया।

सीआरपीएफ (CRPF) की सहायता की वजह से महिला का समय पर इलाज को सका। बताया जा रहा है कि अब महिला की स्थिति पहले से बेहतर है। सीआरपीएफ (CRPF) की 85 वीं बटालियन बीजापुर गंगालूर मार्ग पर तैनात है और लगातार नक्सल विरोधी अभियान चला रही है। इन सबके बीच जब भी जरूरत होती है, जवान आम लोगों की हर तरह से मदद के लिए तत्पर रहते हैं।

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